नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की हेज फंड कंपनी में निवेश का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद अजीत डोभाल के बेटे ने टैक्स हैवन माने जाने वाले केमैन आइलैंड स्थित हेजफंड कंपनी में निवेश किया। कांग्रेस नेता ने विवेक डोभाल की इस कंपनी के जरिए पैसे के हेरफेर होने का संदेह जताया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पिछले एक साल में टैक्स हेवन देशों से प्राप्त फंड के सभी स्रोतों को सार्वजनिक करने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि साल 2000 से 2007 के बीच केमैन आइलैंड से भारत को 8,300 करोड़ रुपए की एफडीआई मिली जबकि नोटबंदी के बाद इसी जगह से एक साल में इतनी ही रकम एफडीआई के रूप में प्राप्त हुई।

रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के महज 13 दिनों के भीतर विवेक डोभाल ने 21 नवंबर 2016 को केमैन आइलैंड में जीएनवाई एशिया नाम से हेज फंड कंपनी में निवेश किया।' कांग्रेस नेता ने कहा कि 2011 में भाजपा ने एक समिति बनाई थी जिसकी रिपोर्ट में केमैन आइलैंड की पहचान एक टैक्स हैवन के रूप में की गई थी। रमेश ने केमैन आइलैंड से आए एफडीआई में 'अप्रत्याशित उछाल' और विवेक डोभाल एवं ब्रिटेन के एक नागरिक के हेज फंड कंपनी में निवेश के बीच कनेक्शन जोड़ा।

रमेश ने इस निवेश पर संदेह जताते हुए आरबीआई से जीएनवाई एशिया की भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने संदेह जताया कि नोटबंदी के बाद विवेक डोभाल की हेज फंड कंपनी का इस्तेमाल 'देश से बाहर' पैसे भेजने और उसके बाद वापस भारत लाने के लिए किया गया।

रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार दावा करती है कि वह काला धन के खिलाफ लड़ रही है। वह कहती है कि कंपनियों को पैसे का हेरफेर करने के लिए केमैन आइलैंड जैसे टैक्स हैवन देशों का इस्तेमाल नहीं होने देगी लेकिन इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि सरकार के लोग इन सब कार्यों में संलिप्त हैं।'

रमेश ने आरोप लगाया कि अजीत डोभाल के दूसरे बेटे शौर्य डोभाल केमैन आइलैंड स्थित एक अन्य कंपनी जेउस स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट एडवाइसर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं और जेएनवाई एशिया और इस कंपनी के बीच भी कनेक्शन है।