लखनऊ: गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले को सर्वोदय भारत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद्र पांडेय ने हास्यास्पद क़रार देते हुए कहा कि यह तो वैसा ही हुआ कि हाथी से कहा जाय कि तुम्हें चूहे का बिल दिया जा रहा है|

यूपी प्रेस क्लब में आज एक पत्रकार वार्ता में सर्वोदय भारत पार्टी के प्रमुख ने आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में अपनी पार्टी की रणनीति के बारे में बताते हुए कहा कि सर्वोदय भारत पार्टी पूरे देश में 175 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिसमें यूपी और बिहार प्रमुख राज्य होंगे| श्री पांडेय ने बताया कि उनकी पार्टी का प्रयास है कि और भी समान विचारधारा वाली पार्टियों से मिलकर एक मोर्चे का गठन किया जाय ताकि लोकसभा की सारी सीटों पर उम्मीदवार उतरे जा सकें |

आरक्षण के मुद्दे पर बात करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि हड़बड़ी में बिना सोचे समझे गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का ड्रामा खेला जा रहा है, जो आरक्षण बिल पास किया गया है वह बड़ा ही हास्यास्पद है और बिना सोचे समझे बनाया गया है. पहली बात तो ये है कि सामान्य वर्ग के जिन तथाकथित गरीबों को आरक्षण के अंतर्गत रखा गया है वे पहले ही 49% के आसपास सीटें पा रहे हैं .पूरे देश में 8,लाख ऊपर इनकम और अन्य जो पैरामीटर बताए गए हैं उसके अनुसार इन सारे लोगों में बमुश्किल 1-2 करोड़ लोग आते हैं.अगर कुल 60 करोड़ सवर्ण हैं और उसमें दो करोड़ निकल रहे हैं तो बाक़ी बचे 58 करोड़ और पहले ही ४८-४९ पर्सेंट सीटें पा रहे हैं.अब ये उन उनचास पर्सेंट लोगों को यह कहना कि हम तुम्हें दस पर्सेंट का रिज़र्वेशन दे रहे हैं ऐसे ही है जैसे हाथी से कहना कि हम तुमहें चूहे का बिल रिज़र्व कर रहे हैं. और दूसरी बात तो यह कि यह आरक्षण 50 प्रतिशत कि सीमा के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाहर जा रहा है. इसी लिए सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं पाएगा और समानता के अधिकार के आधार पर निरस्त हो जाएगा.संविधान के अनुसार हर नागरिक को बराबर अधिकारहै. रिज़र्वेशन उसअधिकार का एक एक्सेप्शन है और सुप्रीम कोर्ट ने यह न्यायिक फ़ैसला दियाहै के कभी भी कोई एक्सेप्शन किसी नियम से बड़ा नहीं हो सकता.इसलिए रिज़र्वेशन कभी पचास प्रतिशत से ज़्यादा नहीं हो सकता.इसलिए हमलोग संविधान की धारा 46 के अनुसार दुर्बल वर्ग आयोग या वीकरसेक्शन कमीशन की बात करते हैं जो इन सारी समस्याओं का समाधान और न्यायिक हाल होगा.अभी जो रिज़र्वेशन पॉलिसी चल रही है उसमें तमाम को SCST और पिछड़ी जातियों के सबल लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है और जो नई पॉलिसी सवर्णों के लिए लाई गई उसमें भी असली दुर्बल वर्गों की बात नहीं कही गई. यह पूर्णतया असंवैधानिक है. एक और विचित्र स्थिति हो सकती है यदि कल को सुप्रीम कोर्ट यह फ़ैसला देती है कि ये जो नया आरक्षण लागू किया गया है उसमें जिन लोगों को रिज़र्वेशन दिया गया है उन्हें 10% तक ही सीमित रखा जाएगा वे लोग जनरल कैटेगरी में नहीं जा पाएंगे तो 40 प्रतिशत आरक्षण केवल उन लोगों को मिल जाएगा जो बेहद धनाढ्य हैं.

प्रेस कांफ्रेंस को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री पी के सिंह ने भी सम्बोधित किया |