सोलापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सोलापुर पहुंचे। यहां पर उन्होंने सवर्ण आरक्षण बिल पर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं सोलापुर आया था तो मैंने कहा था कि यहां की बिजली, सड़क और पानी की समस्या को सुलझाने के लिए प्रयास किये जायेंगे और आज मुझे खुशी है कि इस दिशा में अनेकों कार्य किए जा रहें है।

कल लोकसभा में एक ऐतिहासिक बिल पास हुआ। सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण पर मुहर लगाकर सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को और मजबूत करने का काम किया गया। हर वर्ग को आगे बढ़ने का मौका मिले और अन्याय की भावना खत्म हो इस संकल्प के साथ हम जनता के उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित है।

देश में आरक्षण के नाम कुछ लोगों द्वारा झूठ फैलाया जाता था कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिले आरक्षण को कम कर दिया जाएगा लेकिन हमनें कुछ कम किए बिना अतिरिक्त 10% आरक्षण देकर सबके साथ न्याय करने का काम किया है।

नागरिकता संशोधन बिल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मां भारती के बेटे-बेटियों, भारत माता की जय बोलने वालों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

नए भारत में नयी व्यवस्थाओं के निर्माण का संकल्प भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लिया है, जिस स्तर पर और जिस गति से देश में काम हो रहा है उससे सामान्य जीवन को आसान बनाने में भी तेजी आयी है।

जब दिल्ली में रिमोट कंट्रोल वाली सरकार चलती थी तब 2004 से 2014 बीच शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए 13 लाख घर बनाने का कागजों में फैसला हुआ और इसमें से सिर्फ 8 लाख घर बनें और हमारे 4.5 साल में 70 लाख घरों को स्वीकृति दी जा चुकी है और अब तक 14 लाख घर बनकर तैयार हैं।

पहले जो बिचौलिए मलाई खाते थे वो अब बंद हो गया है, चोरी और लूट करने वालों की दुकानों पर ताले लग गए हैं और गरीबों के हक का पैसा अब सीधा गरीबों के पास जा रहा है। जो सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने लगे थे, ऐसे बड़े-बड़े दिग्गजों को टैक्स चोरी से लेकर रक्षा सौदों में रिश्वतखोरी के जवाब देने पड़ रहें है।

जब दिल्ली में रिमोट कंट्रोल वाली सरकार चलती थी, तब 2004 से 2014 के बीच शहरी गरीबों के लिए 13 लाख घर बनाने का फैसला कागजों पर हुआ। इसमें से घर बने सिर्फ 8 लाख। हमारे 4.5 साल में 70 लाख घरों को स्वीकृति दी जा चुकी है और अब तक 14 लाख घर बनकर तैयार हैं।

मैं अख़बारों में देख रहा था कि हेलीकॉप्टर घोटाले के जिस बिचौलिए को विदेश से लाया गया है, वो सिर्फ हेलिकॉप्टर वाली डील में ही शामिल नहीं था, बल्कि पहले की सरकार के समय फ्रांस से लड़ाकू विमान का जो सौदा किया जा रहा था, उसमें भी उसकी भूमिका थी।

कहीं मिशेल मामा की सौदेबाज़ी से ही वो डील रुक तो नहीं गई थी? इन तमाम सवालों का जवाब जांच एजेंसियां तो ढूंढ ही रही हैं, देश की जनता भी जवाब मांग रही है। बिचौलियों के जो भी हमदर्द हैं, उनको देश की सुरक्षा से किए गए खिलवाड़ का जवाब देना ही होगा।