लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खनन के पुराने मामले में सी.बी.आई. की छापेमारी और फिर उसकी आड़ में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछताछ करने की धमकी को पूरी तरह से राजनीतिक विद्वेष की भावना से चुनावी स्वार्थ की कार्रवाई बताते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी की इस प्रकार की घिनौनी राजनीति व चुनावी षड़यंत्र कोई नई बात नहीं है बल्कि यह उनका पुराना हथकण्डा है जिसे देश की जनता अच्छी तरह से समझती है और जिसका ख़ामियाज़ा आने वाले लोकसभा आमचुनाव में भुगतने के लिये उसे बीजेपी को ज़रूर तैयार रहना चाहिये।
मायावती ने आज अपने बयान में कहा कि जिस दिन सपा-बी.एस.पी. के शीर्ष नेतृत्व की सीधी मुलाकात से सम्बन्धित ख़बर मीडिया में आम हुई, तो उसी ही दिन बौखलाहट में बीजेपी की सरकार द्वारा सी.बी.आई. को लम्बित पड़े खनन मामले में एक साथ अनेकों स्थानों पर उत्तर प्रदेश में छापेमारी करवाई गई और साथ ही अखिलेश यादव से भी पूछताछ करने सम्बंधी खबर जानबूझकर फैलाई गई, यह राजनीतिक विद्वेष व चुनावी षड़यंत्र के तहत सपा-बी.एस.पी. गठबंधन को बदनाम व प्रताड़ित करने की कार्रवाई नहीं तो और क्या है?
अगर यह कार्रवाई राजनीतिक षड़यंत्र नहीं है तो सी.बी.आई. को पहले से ही इस सम्बंध में अपनी कार्रवाई करने देना चाहिये था तथा बीजेपी के नेताओं को इस सम्बन्ध में अनावश्यक व अनर्गल बयानबाजी करने की क्या जरूरत थी? इसके अलावा इस मामले में बीजेपी के मंत्री व नेतागण सी.बी.आई. के प्रवक्ता कबसे बन गये हैं?
मायावती ने कहा कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके अपने विरोधियों को फर्जी मामले में फंसाने में माहिर रही है और बीएसपी मूवमेन्ट भी इसका भुक्तभोगी रहा है। जब उत्तर प्रदेश की लोकसभा की 80 में से 60 सीटे बीएसपी ने बीजेपी को देना स्वीकार नहीं किया तब उन्होंने ताज मामले में फर्जी तौर पर मुझे फंसा दिया और जिसके फलस्वरूप बी.एस.पी. मूवमेन्ट के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुये 26 अगस्त सन् 2003 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के पद से मैंने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन फिर जिसका सूद समेत बदला लोगों ने लिया और सन् 2007 के विधानसभा आमचुनाव में बी.एस.पी. की पूर्ण बहुमत की पहली सरकार बनवाई। यह बात मायावती ने कल टेलीफोन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी याद दिलाई और उन्हें कहा कि बीजेपी सरकार के इस प्रकार के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जनता बीजेपी को इसका करारा जवाब आने वाले समय में जरूर देगी।
इसके अलावा देश व दुनिया इस हकीकत को जानती है कि बीजेपी की केन्द्र सरकार ने सन् 2014 में सत्ता में आने के बाद से किस प्रकार से सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया है तथा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों का इस्तेमाल करके ना केवल अपने विरोधियों को अनेकों प्रकार से प्रताड़ित करने का प्रयास किया है बल्कि सत्ता का घोर दुरूपयोग करते हुये बीजेपी के तमाम नेताओं को हर प्रकार के आपराधिक मामलों में बरी कराने का भी हर प्रकार से प्रयास किया है, जो अति-निन्दनीय है तथा गलत नीति व कार्यकलाप की पराकाष्ठा है।
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी । ऑक्सीजन प्लांट में ब्लास्ट हो गया। जिसमें की एक…
भाजपा ने भारत गणराज्य की आर्थिक सम्प्रभुता को पहुंचाई क्षति, हारना जरूरीसमाज के मैत्रीभाव को…
बाराबंकी मे गठबंधन प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में जनसभा का आयोजन। ब्यूरो चीफ फहीम…
02 जून को आएँगी ग़ाज़ी मियां की प्रतीकात्मक बारातें भारत नेपाल के सीमावर्ती जनपद उत्तरप्रदेश…
छात्रों को सीखने के अवसर और अन्वेषण कार्यो की जानकारी भी हासिल हो रही है…
2024 के आम चुनाव पर दुनिया भर की निगाहें लगी हुई है . इसके पीछे…