लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे तीन मंत्रियों के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, रामनरेश त्रिपाठी और संतोष अवस्थी को गिरफ्तार किया गया. एक निजी चैनल द्वारा दिखाए गए स्टिंग में तीनों सचिव विधानसभा में रिश्वत लेते हुए देखे गए थे. शनिवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया और इन्हें जेल भेज दिया गया. स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों सचिवों को निलंबित करते हुए एफआईआर करने के निर्देश दिए थे. साथ ही एडीजी (लखनऊ) जोन राजीव कृष्णन की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था. कृष्णन ने कमान संभालते ही मामले की रिपोर्ट मांगी थी.

खनन घोटाले में अखिलेश यादव से हो सकती है पूछताछ, CBI ने IAS बी चंद्रकला सहित 11 पर दर्ज किए हैं केसइस मामले में 28 दिसंबर को हजरतगंज कोतवाली में मंत्री अर्चना त्रिपाठी के निजी सचिव रामनरेश त्रिपाठी, मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष कुमार अवस्थी और मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.एडीजी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि एसएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र और सीओ हजरतगंज को सबूत जुटाने के लिए दिल्ली भेजा गया था. साथ ही तीनों निजी सचिवों के घर और उनके साथ काम करने वाले अन्य कर्मचारियों की जानकारियां एकत्र की गई है.

एसआईटी का दावा है कि कई जगह छापेमारी में भी काफी साक्ष्य मिले हैं. मामले के खुलासे के बाद से तीनों आरोपी फरार चल रहे थे. शुक्रवार को जानकारी मिली कि तीनों आरोपी हजरतगंज में हैं जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. शनिवार को बेहद गुपचुप तरीके से इन्हें कोर्ट लाया गया. इनकी पेशी की जानकारी को किसी को भनक भी नहीं लगने दी. राजीव कृष्णन ने कहा है कि जल्द ही इस मामले में कई लोगों के नाम सामने लाए जाएंगे.