पटना: राम मंदिर को लेकिन NDA के घटक दलों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है. BJP के कई सहयोगियों ख़ासकर जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी का मानना है कि राम मंदिर के मुद्दे को बेवजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए. लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को साफ़ कहा कि अगर राम मंदिर को आगामी लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाया गया तो इसका नुक़सान हो सकता है. चिराग अपने बिहार दौरे के दौरान शेखपुरा में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. चिराग पासवान ने कि मेरे हिसाब से राम मंदिर कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए. जब तीन राज्यों के चुनाव परिणाम आए थे, तब भी मैंने कहा था कि कहीं न कहीं हम लोगों को इसका नुक़सान होता है. जब भी हम विकास के मुद्दे से भटकते हैं तो चुनावों में इसका खामियाजा उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NDA से उनकी अपेक्षा होगी कि आगामी चुनाव में विकास ही मुद्दा हो.

चिराग पासवान ने याद दिलाया कि 2014 का चुनाव हमने विकास के आधार पर लड़ा था, इसलिए 2019 के चुनाव में भी विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके अलावा नौजवानों की समस्या, किसानों की समस्या, वंचित वर्ग की समस्या और देश में आधारभूत संरचना से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता देकर चुनाव में मुद्दा बनाया जाना चाहिए. चिराग ने राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी पार्टी का स्टैंड एक बार फिर साफ किया और कहा कि उसका हम लोग स्वागत करेंगे. चिराग के रुख़ से स्पष्ट है कि राम मंदिर और तीन तलाक़ के मुद्दे पर वो BJP के स्टैंड से सहमत नहीं है और राम मंदिर को तो चुनाव में मुद्दा बनाने की बिलकुल ही पक्षधर नहीं हैं.

चिराग पासवान ने शनिवार को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में भी साफ़ किया कि भले ही उनके पिता और पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान हाजीपुर से चुनाव न लड़ें, लेकिन वह अपने पुराने क्षेत्र जमुई से ही फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे. उन्होंने माना कि फ़िलहाल सीटों की संख्या पर सहमति बन जाने के बावजूद NDA में कौन सा दल किस सीट पर लड़ेगा, इस पर अभी बातचीत शुरू नहीं हुई है.