नयी दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के बारे में केन्द्र सरकार की स्थिति को स्पष्ट करते हुये बृहस्पतिवार को कहा कि किसी राज्य में चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। आयोग चाहे तो जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव कराने का फैसला कर सकता है। केन्द्र सरकार को इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

सिंह ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के सांविधिक संकल्प पर बृहस्पतिवार को राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के लिये सुरक्षा बल सहित अन्य जरूरी इंतजामों की पूर्ति के लिये तैयार है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्य में चुनाव कराने के बारे में केन्द्र सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए गृह मंत्री से कहा। इस पर सिंह ने कहा कि अगर चुनाव आयोग आम चुनाव के साथ ही राज्य में चुनाव कराने का फैसला करता है तो सरकार को इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा ''चुनाव आयोग को कश्मीर में चुनाव संपन्न कराने के लिये जितने भी सुरक्षा बलों की आवश्यकता होगी, हम उसे मुहैया कराने के लिये तैयार हैं।

सिंह के जवाब के बाद उच्च सदन ने इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा से यह संकल्प पहले ही पारित किया जा चुका है।

इससे पहले चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर कश्मीर समस्या के समाधान के लिये सार्थक प्रयास नहीं करने का आरोप लगाया, जिसकी वजह से वहां के लोगों में खुद को अलग थलग महसूस करने की भावना पनप रही है और बल प्रयोग में इजाफे के कारण वहां के युवाओं का रुख आतंकवाद की ओर जा रहे हैं। इसके जवाब में सिंह ने कहा ''यह सच है कि अलगाव का भाव ही आजादी के समय देश के विभाजन की वजह बना। विभाजन के बाद भी इस भाव को कम करने के लिये तत्कालीन सरकारों ने सकारात्मक पहल करने के बजाय तुष्टिकरण की राजनीति कर इस संकट को और अधिक गहरा दिया। इसके लिये भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।