लखनऊ: पर्यावरण प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग इस वक्त पूरे विश्व के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है। जिस पर क़ाबू पाना बेहद ज़रूरी है अन्यथा भविष्य में इसके खतरनाक परिणाम भुगतना पड़ेगा। इन विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने जमीअत उलमा उ0प्र0 की कार्यकारिणी बैठक में व्यक्त करते हुए बताया कि जमीअत के कार्यकर्ता पौध रोपण सप्ताह मनाते हुए 26 जनवरी 2019 से पूरे प्रदेश में एक सप्ताह में 5 लाख पौधे लगायेंगे। इस दौरान पोस्टर बैनर के द्वारा भी लोगों को जागरुक किया जायेगा। उन्होंने बैठक में देश के राजनीतिक व समाजी हालात का जायज़ा लेते हुए मुसलमानों को वित्तीय और शैक्षणिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए पदाधिकारियों से सम्पन्न लोगों को इस ओर आकर्षित करने के लिए कहा।

बैठक में जिलों में परम्परागत उद्योगों और अन्य कार्यां जैसे बीमारों के लिए निःशुल्क उपचार के लिए कार्ड और निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत तक ग़रीब बच्चों का दाखिला आदि के लिए आने वाली सरकारी योजनाओं की सही जानकारी करके लोगों तक पहुंचाने और उसका फायदा दिलाने के लिए रहनुमाई करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही यह साल 2019 जमीअत उलेमा के 100 साल पूरे करने का है जिसके अन्तर्गत जमीअत उलेमा की आला कमान ने 500 से अधिक शताब्दी वर्ष कार्यक्रम (सदसाला प्रोग्राम) आयोजित करने का ऐलान किया है। इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश में भी राज्य स्तरीय शताब्दी वर्ष कार्यक्रमों के साथ ही ज़िला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने की बात आया जिसमें प्रत्येक ज़िले में वहां के जमीअत के बुजुर्गां के जीवन और सेवाओं से लोगों को वाकिफ कराने की बात कही गयी। बैठक में मौजूद रहे मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि सार्वजनिक कल्याण के लिए पौधरोपण और जल संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का जमीअत का निर्णय बहुत अच्छा और समय की आवश्यकता है। उन्होंने मानवता की सेवा पर ज़ोर देते हुए बताया कि लखनऊ की ईदगाह में इसी उद्देश्य से प्रत्येक माह के पहले रविवार को स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी को बिना धार्मिक भेदभाव के स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जाता है।

बैठक में जिन ज़िलों में दीनी तालीमी बोर्ड का गठन नही हो सका है , वहां के ज़िम्मेदारों को एक स्थानीय दीनी तालीमी बार्ड के गठन की हिदायत के साथ ही दीनी तालीमी बेदारी मुहिम चलाने के लिए कहा। अध्यक्षता कर रहे मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने समाज सुधार पर बात करते हुए मोबाइल और इन्टरनेट के ग़लत प्रयोग, बेहयाई, शादियों में फिजूलखर्ची के हवाले से भी लोगों में जागरूकता पैदा करने की बात कही। उन्होंने सभी जिल़ों के ज़िम्मेदारों से कहा कि एक सर्वेक्षण कराकर यह देखा जाये कि प्रत्येक ज़िले में वहां के जमीअत के बुजुर्गां ने अपनी क्या क्या सेवाएं दी हैं , उससे लोग किस हद तक प्रभावित हुए हैं। सर्वेक्षण के बाद क्षेत्रीय स्तर पर मुसलमानों को जोड़ने की ओर कदम बढ़ाया जाये।

बैठक में सर्वसम्मति से 15 से 25 फरवरी तक समाज सुधार कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रो0 सैयद नोमान शाहजहांपुर, मुफ्ती ज़फर अहमद फर्रूखाबाद, अब्दुल कुद्दूस हाशमी, डा. हलीमुल्लाह कानपुर, मौलाना ज़हूर अहमद, सैयद ज़हीन अहमद सहारनपुर, डा.अब्दुल मुईद सीतापुर, क़ारी ज़ाकिर हुसैन मुज़फ्फर नगर, सैयद हसीन अहमद हाशमी, मौलाना कलीमुल्लाह क़ासमी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

जमीअत उलमा उ0प्र0 के प्रादेशिक कार्यालय के नव निर्माण के लिए सैयद मुहम्मद हसीन हाशमी, लईक़ अहमद, हाफिज़ उबैदुल्लाह बनारसी, प्रो0 सैयद नोमान, सैयद मुहम्मद ज़हीन पर आधारित 5 सदस्यीय कमेटी गठित की जो निर्माण के सिलसिले मे निर्णय लेने के लिए सक्षम होगी। बैठक में आये पदाधिकारियों ने वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया। इससे पूर्व का़री तरीकुल इस्लाम ने कुरआन की तिलावत से बैठक का शुभारम्भ किया। मौलवी अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह ने नात पेश की। क़ारी शौक़त अली क़ासमी कार्यकारिणी सदस्य की दुआ पर बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जमीअत उलमा उ0प्र0 के समस्त कार्यकारिणी सदस्य व जिलों से आये पदाधिकारी ने शिरकत की।