लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज नववर्ष के अवसर पर राज्यपाल सचिवालय में ई-आफिस का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव, विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र सहित राजभवन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। ई-आफिस की शुरूआत एन0आई0सी0 के सहयोग से की गई है।

राज्यपाल ने राजभवन में ई-आफिस कार्यप्रणाली का शुभारम्भ करते हुए कहा कि शासकीय कार्यपद्धति में टेक्नोलाॅजी के प्रयोग से बहुत परिवर्तन हुआ है और यह परिवर्तन स्वागत योग्य है। ई-आफिस से कार्य पद्धति में सुधार होने से जहां पारदर्शिता होगी तो वही जिम्मेदारी भी तय होगी कि कौन सी पत्रावली किसके पास और कब तक लम्बित रही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सचिवालय में यह व्यवस्था पहले से लागू है पर राजभवन में ‘देर आये, दुरूस्त आये’ की तर्ज पर नये वर्ष में शुरूआत हो रही है।

श्री नाईक ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘कम्प्यूटर के क्षेत्र में उनका ज्ञान सीमित है। आप एक कम्प्यूटर अप्रशिक्षित से ई-आफिस का शुभारम्भ करा रहे हैं। मैं ई-आफिस कार्यप्रणाली को सीखूंगा। ई-आफिस कार्य प्रणाली मेरे लिये एक अतिरिक्त योग्यता की तरह होगी।’ पूर्व में कम्प्यूटर के उपयोग का लोग विरोध करते थे। उनका मानना था कि इससे मनुष्य की उपयोगिता कम होगी। आज की विद्यमान परिस्थिति में लोग कम्प्यूटर एवं मोबाइल के माध्यम से ही टिकट बुकिंग, खरीदारी आदि कर रहे हैं। हर काम को बेहतर ढंग से करना चाहिये। ई-आफिस के माध्यम से नई ऊर्जा के साथ काम करें जिससे समय और अनावश्यक कागज के प्रयोग से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि ई-सिस्टम का अधिक से अधिक प्रयोग होना चाहिये।

अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव ने कहा कि ई-आफिस से पारदर्शिता एवं कम समय में काम किया जा सकता है। यह एक पर्यावरण के अनुकूल और जनता के प्रति जवाबदेही तय करने का अच्छा तरीका है। उन्होंने कहा कि इससे नई कार्य संस्कृति विकसित होगी जो जनहित में उपयोगी साबित होगी।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन विशेष कार्याधिकारी (आई0टी0) श्री सुदीप बनर्जी ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र ने किया।