लखनऊ: आज रंगकर्मी सफ़दर हाशमी की 30 वी बरसी पर पटेल पार्क में अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकारों ने जनगीतों पोस्टर प्रदर्शनी और नुक्कड़ नाटक के जरिए सफ़दर को याद करते हुए 90 के दशक की याद दिला दीI

आयोजन स्थल पर सफ़दर को याद करते हुए वरिष्ठ कला प्रेमी राजवीर रतन ने कहा कि यह दौर सांस्कृतिक मोर्चे पर चुनौतियो का है, और इसकी भरपाई एक वृहद सांस्कृतिक आंदोलन के जरिए ही हो सकती हैI इसी क्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेन्द्र तिवारी ने कहा की सफ़दर को याद करने का मतलब नुक्कड़ नाटक आन्दोलन की एक नयी ज़मीन तैयार करना हैI

जनगीत ‘’चल आंधी चल अंधर चल’’ गाने के बाद कलाकारों ने वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल मिश्रा ‘’गुरूजी’’ द्धारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘’राजा बोलेगा’’ का मंचन किया अलोकतांत्रिक,जनविरोधी व्यवस्था के खिलाफ नाटक आम जनता है आह्वान करता है कि वह इस व्यवस्था को ध्वस्त कर एक नयी व्यवस्था का आगाज़ करेI

नाटक में मुख्य रूप में वत्सल त्रिपाठी , ज्योति पांडेय, स्पर्श सोनकर , सूर्या , तनय , कबीर खान, एवं देवेन्द्र सिंह शेखावत ने विभिन्य किरदारों को जीवन्त किया नाटक का संगीत सन्तोष शर्मा का थाI