लखनऊ: उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी विचार विभाग के प्रवक्ता स्वतंत्र शुक्ला ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तथाकथित नेता द्वारा उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी विचार विभाग के चेयरमैन सम्पूर्णानन्द जी के मुंह पर कालिख पोतने पर 21हजार रूपये इनाम घोषित करने की कड़ी निन्दा करते हुए इसे भारतीय राजनीति के तालिबानीकरण की संज्ञा दी है।

श्री शुक्ल ने कहा कि अभी तक कट्टरपंथी उलेमा और तालिबान ही असहमति व्यक्त करने पर सिर काटने और अपमानित करने के फतवे जारी करते थे अब आर0एस0एस0 भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है यह भारतीय लोकतंत्र के लिए बेहद गंभीर संकट की स्थिति है कि असहमति व्यक्त करने वालों के खिलाफ वर्तमान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का पितृ संगठन आरएसएस विरोध व्यक्त करने वालों के मुंह पर कालिख पोतने के लिए ईनाम की घोषणा करता है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी हत्या आरएसएस की इसी सोच का परिणाम थी।

श्री शुक्ल ने कहा कि हम भारतीय संविधान पर विश्वास करने वाले लोग हैं क्योंकि हमारे पूर्वजों ने अपना खून देकर स्वतंत्रता हासिल की है और हम इसकी कीमत जानते हैं। संघ का इतिहास ही स्वतंत्रता आन्दोलन से विश्वासघात का रहा है और साम्प्रदायिक विद्वेष ही उसकी राजनैतिक पूंजी है। तालिबानी सोच और आरएसएस की विचारधारा एक दूसरे की सदैव से पूरक रही है। आरएसएस का यह फतवा भी उसी की एक कड़ी है।

श्री शुक्ल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर राजधर्म के पालन में थोड़ी भी निष्ठा हो तो अपने पितृ संगठन आरएसएस के इस फतवे पर संविधान सम्मत कार्यवाही करें।