भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले दो साल से खुशहाली मंत्रालय है, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि भौतिक संपत्ति से परे लोगों के जीवन में खुशी लाने के तरीकों की तलाश की जा सके। अब इसे राज्य के आध्यात्मिक विभाग के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा, एमपी के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता वाली नई सरकार ने इसकी घोषणा की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “आध्यात्मिक विभाग के गठन का उद्देश्य राज्य में अंतर-सांप्रदायिक सद्भाव और सर्वधर्म समभाव को मजबूत करना है, जिसमें सभी धर्मों, संप्रदायों और विश्वासों को शामिल किया गया है।” ऐसे ही कुछ मंत्रालय अलग अलग नामों से ब्रिटेन, अर्जेंटीना, अफगानिस्तान, अल्जीरिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, म्यांमार, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, डेनमार्क आदि देशों में हैं। नया विभाग, जिसके निर्माण का वादा कांग्रेस ने राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अपने “वचन पत्र” (घोषणापत्र) में किया था।

सीएमओ मध्य प्रदेश द्वारा ट्वीट किया गया कि, मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अध्यात्म विभाग के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण ,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।

प्रस्तावित आध्यात्मिक विभाग के उद्देश्यों में सभी समुदायों में एक समान दृष्टि और उदासीनता का विकास, विभिन्न पृष्ठभूमि और परिस्थितियों के लोगों की विविधता का सम्मान करते हुए आपसी समझ और सद्भाव विकसित करना, जिम्मेदार नागरिकों का विकास, भ्रूण हत्याएं, स्वच्छता मिशन और रखरखाव शामिल हैं। सांप्रदायिक तनाव के दौरान शांति, गौ-वंश संरक्षण, संतों की ताकत का रचनात्मक उपयोग, सार्वजनिक न्यास के उचित प्रबंधन, औकाफ, धार्मिक मेलों, तीर्थयात्राओं, आदि की योजना, नीति निर्धारण और अवधारणा के अलावा खुशहाली के कार्यान्वयन जैसे विषयों पर विभिन्न धार्मिक लीडर्स से प्रेरणा लेना है। मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए एक अन्य निर्णय के अनुसार। ताप्ती, मंदाकिनी और क्षिप्रा नदी ट्रस्ट भी बनाए जाएंगे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य के भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने कहा, “चूंकि सरकार लोगों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है और किसानों के लिए ऋण माफी जैसे अपने वादे को निभाने में विफल रही है, इसलिए यह लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।”