अपोलो अस्पताल ने 21 मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाने की मांग की

नई दिल्ली: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के मामले में बड़ा ट्विस्ट सामने आ गया है। अपोलो अस्पताल ने जयललिता की मौत की जांच के लिए पैनल बनाने की मांग की है। साथ ही कहा गया है कि इस पैनल में 21 मेडिकल एक्सपर्ट रखे जाएं। अस्पताल ने दावा किया कि, मेडिकल स्टेमेंट गलत थे। जयललिता की मौत की जांच कर रहे एक सदस्यीय आयोग के सामने 13 नवंबर को दो वरिष्ठ डॉक्टरों ने दावा किया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया था।

अपोलो अस्पताल ने एफिडेविट के जरिए कहा कि, यह मामला हमारे लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। हमें तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत से पहले हुए इलाज की तह तक जाना था। अस्पताल ने दावा किया कि मेडिकल टर्मिनोलॉजी और स्टेटमेंट पूरी तरह से गलत थे और रिकॉर्डेड थे। इसके साथ ही अस्पताल ने आरोप लगाया कि, जांच आयोग द्वारा रिकॉर्ड की गई जानकारियों में भी खामियां हैं। अस्पताल ने कहा कि अगर इन पर भरोसा किया गया तो यह मिसलीड करेगा।

अस्पताल ने जयललिता की मौत की जांच के लिए 21 मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाने पर कहा कि, मेडिकल बोर्ड न बनाए जाने से अस्पताल और डॉक्टरों को धक्का पहुंचेगा। हम मामले की तह तक जाकर जानकारी लेकर आए हैं। इससे पहले अपोलो अस्पताल ने पांच पन्नों का एफीडेविट दाखिल किया था। इसमें दावा किया गया था कि, जयललिता के इलाज के दौरान चार पुलिसवालों ने सीसीटीवी कैमरे बंद करने की कहा था। इसके बाद उन्हीं पुलिस वालों ने जयललिता को कमरे में लाए जाने के बाद कैमरा चालू कर देने को कहा था।

बता दें कि, बीते दिनों तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने भी जयललिता की मौत पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जब जयललिता की बीमारी के दौरान ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए उन्होंने विदेश ले जाने का दबाल डाला था। लेकिन उस समय न तो पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) और न ही पलानीस्वामी ने जयललिता को बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने पर विचार किया।