नई दिल्ली: बुलंदशहर हिंसा के 25 दिन बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हत्यारे की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने वाले शख्स प्रशांत नट को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं, रिवॉल्वर चुराने वाले की भी पहचान हो गई है और उसकी तलाश जारी है. पुलिस के आला सूत्रों के मुताबिक़ जॉनी नाम के शख़्स ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की रिवॉल्वर चुराई थी, वहीं, प्रशांत नट ने उन्हें गोली मारी थी. पुलिस जॉनी की तलाश जारी है. वहीं, एफआईआर में जॉनी और प्रशांत नट दोनों के नाम नहीं है. पुलिस को हाथ लगे दो वीडियो में ये दोनों शख्स साथ दिख रहा है. पुलिस ने जॉनी और प्रशांत नट दोनों को सुबोध की मौत में मुख्य आरोपी बनाया है. दोनों बुलंदशहर के रहने वाले हैं. बता दें कि प्रशांत नट के पकड़े जाने के बाद यूपी एसटीएफ़ जॉनी की तलाश कर रही है. वीडियो में प्रशांत नट घटना वाले दिन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार से उलझता नजर आ रहा है.

वहीं, योगेश राज अब भी हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी है. 3 दिसंबर को गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या की गई थी. बता दें कि इससे पहले इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में पुलिस को जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था. आरोपी नंबर-11 जीतू उर्फ फौजी घटना के दिन पुलिस चौकी के सामने सक्रिय तौर पर मौजूद था.

गुरुवार शाम प्रशांत नट समेत कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर घटनास्थल पर एसएसपी के नेतृत्व पुलिस अधिकारियों ने क्राइम सीन दोहराया। एसएसपी की मौजूदगी में प्रशांत नट ने बताया कि उसने कैसे इंस्पेक्टर को गोली मारी थी।

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि उपद्रवियों से घिरने और पथराव पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी। इंस्पेक्टर की गोली लगने से ही सुमित की मौत हुई थी।

हिंसा में मारे गए सुमित के भाई-पिता ने एसएसपी को डाक से भेजे शपथ पत्रों में कहा है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने सुमित को गोली मारी थी। सुमित पर चौकी इंचार्ज सुरेश कुमार समेत पांच पुलिसकर्मियों ने हमला किया था। शपथ पत्र में कहा गोली लगने के बाद घायल अवस्था में सुमित ने उन्हें इसकी जानकारी दी थी। विवेचना में इसे बयान के रूप में दाखिल करने की मांग की गई है।

हिंसा की मोबाइल से वीडियो बना रहे अज्ञात युवक की पहचान पर 10 हजार का इनाम पुलिस ने रखा है। वीडियो बना रहे युवक का फोटो भी जारी किया गया है। शिनाख्त करने वाले की पहचान गोपनीय रखने की बात कही गई है।

हिंसा के 25 दिन बाद भी मुख्य आरोपी योगेश राज समेत 58 अभी भी फरार है। एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस की 15 टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। अभी तक 28 आरोपी जेल जा चुके हैं।