नई दिल्ली: देश के सबसे लंबे बोगीबील रेल-रपोड ब्रिज को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया। ये ब्रिज न केवल असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम करेगा बल्कि इसका रणनीतिक महत्व भी है। बोगीबील पुल के उद्घायन के बाद पीएम ने कहा कि सच ये है कि विकास के नाम पर फैसले लेने से कांग्रेस की सरकारें डरा करती थीं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मई 2014 के बाद नई सरकार आने के बाद हालात में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए। सरकार ने उन परियोजनाओं को पूरा करने का बीड़ा उठाया जो वर्षों से किसी न किसी वजह से लंबित थीं। आधारभूत संरचना के निर्माण न होने की वजह से देश के विकास पर असर पड़ा। जब एनडीए की सरकार उनकी अगुवाई में सत्ता में आई तो उन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फैसले लिए गए। एनडीए सरकार ने भाषा, जाति का भेद किए बगैर देश के सभी हिस्सों में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए आगे आई।

16 साल पहले अटल जी यहां आए थे। बोगीबील ब्रिज को लेकर उनके पास एक खाका था। यह पुल एक तरह से उनकी दूरदृष्टि को श्रद्धांजलि देने की तरह है। जब वाजपेयी सरकार नहीं रही तो बहुत से ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स थे जिन्हें पूरा करने के लिए कोई काम नहीं किया गया।