नई दिल्ली: हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष आर. माधवन ने राफेल विमानों के सौदे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा विमानों की जरूरत के कारण किया गया है और इतनी संख्या में विमान भारत में बनाने का सवाल ही नहीं उठता। माधवन ने कहा, शुरू में राफेल की बात चल रही थी तो एचएएल सक्षम था, लेकिन सरकार ने जल्द से जल्द उसे हासिल करने की आवश्यकता को देखते हुए 36 विमान खरीदने का सौदा किया गया। 36 विमानों को यहां पर बनाने का सवाल ही नहीं उठता है। यदि पहले की तरह होता तो कुछ विमान हम खरीदते, कुछ यहां पर बनाते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि मौजूदा सौदे में एचएएल नहीं है इसलिए वे इस बारे में और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

उधर, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी का अभियान “झूठ” पर आधारित था। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस देश को यह यकीन दिलाने का प्रयास कर रही है कि वह उच्चतम न्यायालय से ऊपर है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस लड़ाकू विमान सौदे को लेकर शीर्ष न्यायालय के फैसले को भी स्वीकार नहीं करना चाहती। झूठ के आधार पर अभियान चलाया गया, उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक झूठ पर आधारित अभियान चलता रहा। इसके बाद भी कांग्रेस उच्चतम न्यायालय का फैसला स्वीकार नहीं करना चाहती। क्या वे देश को ये जता रहे हैं कि वे उच्चतम न्यायालय से ऊपर हैं? लोगों को गुमराह करने के लिए प्रचार अभियान शुरू से ही कांग्रेस का रूख झूठ पर आधारित था और राफेल मुद्दे पर यह साबित हो गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा यदि उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में सत्ता में आई तो हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को आफसेट साझेदार के तौर पर समायोजित किया जाएगा और अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को राफेल सौदे से बाहर कर दिया जाएगा। मोइली ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर राफेल सौदा रद्द किये जाने से इनकार किया। उन्होंने कहा, जब हमारी सरकार आएगी, हम आफसेट साझेदार के तौर पर एचएएल का समर्थन करेंगे, निश्चित तौर पर हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं। राफेल जेट में हमारा भरोसा है, यह अच्छा है, इसे रद्द नहीं किया जा सकता, यह हमारी ही संकल्पना है, हमने उसे एचएएल के साथ ही अंतिम रूप दिया था।