मिनिमम वेज कन्सेप्ट पर अड़ा आयबाॅक, मर्जर को बैंकों के लिए बताया घातक

लखनऊ। आल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (आयबाॅक) के आवाह्न पर आज बैंक अधिकारियों की देशव्यापी बैंक हड़ताल पर सभी सरकारी बैंक पूर्णतया बन्द रहे। सार्वजनिक क्षेत्र के सैकड़ो बैंक अधिकारियों ने इलाहाबाद बैंक हजरतगंज में सामूहिक विशाल धरना, प्रदर्शन एवं सभा किया। सभा को सम्बोधित करते हुये आयबाॅक के प्रान्तीय महामंत्री काम0 दिलीप चौहान ने कहा- ‘‘आयबाॅक ने अपने मांग पत्र में अधिकारियों का वेतन मिनिमम वेज कन्सेप्ट पर वार्ता करने को कहा है। आईबीए की वार्ता समिति ने इस पर कोई वार्ता नहीं की है। आईबीए पिल्लई कमेटी की संस्तुतियों पर भी ध्यान नहीं दे रही है जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बैंक अधिकारियों का वेतन सिविल सर्विसेज आफिसर के समान होना चाहिए। श्री चौहान ने बताया कि हमारे मांग पत्र में न्यूनतमवेतन, कोर बिजनेस, एनपीए वसूली, चिकित्सा सुविधाओं में कटौती तथा स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में बढ़ोत्तरी, नई पेंशन स्कीम को समाप्त करना, पेंशन अद्यतन पुनरीक्षण करना एवं पारिवारिक पेंशन में सुधार तथा 3 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व ग्रामीण बैंकों के विलय का विरोध के साथ बैंक अधिकारियों पर पूरे देश में हो रहे हमले आदि मुद्दे शामिल हैं।

प्रान्तीय अध्यक्ष काम0 पवन कुमार ने बताया कि वित्तमंत्रालय ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए को निर्देश दिये थे कि बैंकों में वेतन समझौते पर शीघ्र वार्ताकर इसे 1 नवम्बर 2017 से लागू किया जाय। 19 महीने बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला है। आयबाॅक स्केल 3 तक का वेतन समझौता किये जाने का विरोध करता है। जबकि वेतनसमझौता सदैव स्केल 1 से स्केल 7 तक के अधिकारियों के लिए होता था। उन्होंने कहा कि बैंक आॅफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के विलय की घोषणा 17 सितम्बर, 2018 को सारे नियम व संसद को ताक पर रखकर की गईं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों का विलय सैकड़ों बैंक शाखाओं को बन्द करा देगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह को रोक देगा जोकि कृषकों , एसएमई, स्वयं सहायता समूह, महिलाओं, विद्यार्थियों व सामान्य नागरिकों को प्रभावित करेगा।

सभा में इलाहाबाद बैंक के काम0 आर0एन0 शुक्ला ने कहा कि -‘‘आईबीए को सभी बैंकों की ओर से ट्रेड यूनियन से वार्ता करने के लिए मैनडेट लेना पड़ता है। अभी 5 बड़े बैंकों से मैनडेट नहीं मिला है। केनरा बैंक के काम0 विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकारी अपने संघर्ष को लेकर एकजुट हैं और हम अपना अधिकार हर हाल में लेकर रहेंगे। काम0 विनय श्रीवास्तव-यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया ने सरकार की बैंक के प्रति दमनकारी नीतियों का खुलकर विरोध किया। आयबाॅक ऐसी सभी नीतियों एवं प्रस्तावों का विभिन्न फोरम से विरोध करेगा। इनके अतिरिक्त सभा को देना बैंक के एस0एस0 प्रसाद, सौरभ श्रीवास्तव-बैंक आॅफ इण्डिया, जी0पी0 त्रिपाठी-सिण्डीकेट बैंक आदि ने भी सम्बोधित किया।

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया देशव्यापी बैंक हड़ताल के कारण लखनऊ में 950 करोड़ तथा प्रदेश में लगभग 12000 करोड़ की क्लीयरिंग ठप रही। लखनऊ की 730 शाखाओं के 10500 बैंककर्मी तथा प्रदेश की 6600 शाखाओं के 84000 बैंककर्मियों के हड़ताल में होने के कारण बैंको में ताले लटके रहे। प्रदेश के 6900 एटीएम तथा लखनऊ के 1070 एटीएम में से अधिकांश खाली हो गये।