लखनऊ। आल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (आयबाॅक) के तत्वाधान वेतन समझौते को लेकर 21 दिसम्बर को देश भर के बैंक कर्मी हड़ताल पर रहेंगे | आयबाॅक के प्रान्तीय महामंत्री काम0 दिलीप चौहान एवं प्रान्तीय अध्यक्ष काम0 पवन कुमार ने आज स्टेट बैंक मुख्यशाखा में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि आयबाॅक ने चार्टर आॅफ डिमाण्ड के अनुरूप 11वें द्विपक्षीय समझौता करनेकी मांग की है।इस चार्टरआॅफ डिमाण्ड में अधिकारीवर्ग के चारों संगठन आयबाॅक, ए.आई.बी.ओ.ए., एन.ओ.बी.डब्ल्यू. तथा आई.एन.बी.ओ.सी. षामिल है। इस चार्टर में न्यूनतमवेतन, कोर बिजनेस, एनपीए वसूली, नई पेंशन स्कीम को समाप्त करना, पेंशन अद्यतन पुनरीक्षण करना एवं पारिवारिक पेंशन में सुधार तथा 3 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व ग्रामीण बैंकों के विलय का विरोध के साथ बैंक अधिकारियों पर पूरे देश में हो रहे हमले, चिकित्सा सुविधाओं में कटौती तथा स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में बढ़ोत्तरी आदि मुद्दे शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि वित्तमंत्रालय ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए को निर्देश दिये थे कि बैंकों में वेतन समझौते पर जल्द वार्ताकर इसे 1 नवम्बर 2017 से लागू किया जाय। 19 महीने बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला है। आयबाॅक स्केल 3 तक का वेतन समझौता किये जाने का विरोध करता है। वेतनसमझौता सदैव स्केल 1 से स्केल 7 तक के अधिकारियों केलिए होता था। आईबीए को सभी बैंकों की ओर से ट्रेड यूनियन से वार्ता करने के लिए मैनडेट लेना पड़ता है। अभी 5 बड़े बैंकों से मैनडेट नहीं मिला है। आयबाॅक ने अपने मांग पत्र में अधिकारियांे का वेतन ‘मिनिमम वेज कन्सेप्ट’ पर वार्ता करने को कहा है। आईबीए पिल्लई कमेटी की संस्तुतियों पर भी ध्यान नहीं दे रही है जिसमें यह स्पश्टरूप से कहा गया है कि बैंक अधिकारियों का वेतन सिविल सेवा अधिकारी के समान होना चाहिए। मर्जर के बारे में बोलते हुए काम0 पवन कुमार ने कहा कि बैंक आॅफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के विलय की घोषणा 17 सितम्बर, 2018 को सारे नियम व संसद को ताख पर रखकर की गईं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों का विलय सैकड़ों बैंक शाखाओं को बन्द करा देगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह को रोक देगा जोकि कृशकों, एसएमई, स्वयं सहायता समूह, महिलाओं, विद्यार्थियों व सामान्य नागरिकों को प्रभावित करेगा। हम कानूनी राय लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने जा रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक का उसके सहयोगी बैंकों के साथ विलय ने वित्तीय वर्ष 2018 में भारी नुकसान किया है।

उद्योग जगत के लोग बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हैं। आईडीबीआई बैंक तथा कैथोलिक सीरियन बैंक में दमनकारी एवं मानव संसाधन नीतियों का खुला उल्लंघन हो रहा है, आयबाॅक इन दोनों संस्थाओं में सामान्य स्थिति बहाली हेतु आगे खड़ी है। आयबाॅक यह सुनिश्चित करेगा कि पब्लिक सेक्टर बैंक का स्वरूप बना रहे और जन सामान्य को बिना किसी बाधा के बैंकिंग सेवाये मिलती रहे। अनिल तिवारी, मीडिया प्रभारी ने बताया देशव्यापी बैंक हड़ताल के पूर्व आज सायंकाल काम0 दिलीप चैहान के नेतृत्व में सैंकड़ों बैंक अधिकारियों की रैली कैनरा बैंक गोमती नगर स्थित सर्कल आफिस से निकाली गई। रैली में बैंककर्मी ’’आईबीए होश में आओ’’, ’’हमारी मांगे पूरी करो’’ आदि नारे लगा रहे थे। कल देशव्यापी बैंक हड़ताल में सभी बैंको के अधिकारी दिन में 12.30 बजे इलाहाबाद बैंक, हजरतगंज में एकत्र होकर केन्द्र सरकार एवं आई.बी.ए. के विरोध में सभा करेंगे।