श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। इसरो ने साल 2018 के आखिरी मिशन को अंजाम दिया है। जिसके तहत संचार उपग्रह जीसैट-7ए (GSAT 7A) को लांच किया गया है।

यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा से 4:10 बजे लांच किया गया। लगातार एक के बाद एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजने वाला इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़ता जा रहा है। हैल ही में इसरो (ISRO) ने भारत की सबसे भारी सैटेलाइट GSAT 11 को लांच किया था जिसका वजन करीब 6900 किलो था।

जीसैट-7ए को पूरी तरह इसरो ने ही बनाया है। जीसैट-7ए का वजन 2250 किलोग्राम है। भारत का जीसैट-7ए एक संचार सैटेलाइट है। जो वायुसेना की संचार सुविधा बढ़ाएगा। मतलब वायुसेना के विमान, हवा में मौजूद अर्ली वार्निंग कंट्रोल प्लेटफॉर्म, ड्रोन और ग्राउंड स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा। जिससे कि एक सेंट्रल नेटवर्क बनेगा।

साथ ही जीसैट-7ए भारत में केयू-बैंड उपभोक्ताओं की संचार क्षमता को बढ़ाएगा। जीसैट-7ए को श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट के दूसरे लांच पैड से जीएसएलवी-एफ11 राकेट के जरिए लांच किया गया। यह सैटेलाइट आज से 8 साल तक भारत की सेवा करेगा।