नई दिल्ली: 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में शामिल होने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। 34 साल से चल रहे इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया गया है। इस फैसले से कहीं खुशी है तो कहीं गम है।

एक तरफ जहां तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार बना रही है वहीं दूसरी ओर सज्जन कुमार को दोषी ठहराया जाना कांग्रेस के लिए झटके की तरह है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि देश में विभाजन के वक्त दंगे हुए थे। 37 साल बाद दिल्ली इसी तरह के दंगे का गवाह बनी जो सिख विरोधी दंगे कहलाए।

आरोपी (सज्जन कुमार) ने राजनीतिक संरक्षण का आनंद लिया और ट्रायल से बच निकला। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी के बाद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद दंगे भड़क गए थे।