भोपाल: कांग्रेस का विंध्य क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर शक बरकरार है और इस इलाके में हुई वोटिंग पैटर्न की वह विशेषज्ञों से निष्पक्ष जांच कराएगी। प्रदेश में 11 दिसंबर को मतगतण हुई थी।

15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापस आई कांग्रेस का इस बार विन्ध्य इलाके में सबसे खराब प्रदर्शन रहा। उसे वहां पर 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि भाजपा को 24 सीटें। इस इलाके से कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी हार गये थे, जिनमें निवर्तमान मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह (अपनी परंपरागत चुरहट सीट) एवं प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह (अमरपाटन सीट) शामिल हैं।

एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने शनिवार को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बहुमत के नजदीक आने के बावजूद हमारा ईवीएम पर विन्ध्य इलाके में शक बरकरार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने विन्ध्य क्षेत्र की वोटिंग एवं परिणाम पर एक फोरेंसिक स्टडी की पहल की है, जो कि वोटिंग पर एक्जिट पोल की तरह सर्वे करेगा। मेरे पास आज सुबह (शनिवार) विन्ध्य से लोग आये और कह रहे थे कि गांव ने (कांग्रेस को) वोट डाले, लेकिन (परिणाम) मशीन से कुछ अलग निकली। इसकी हम एक फोरेंसिक स्टडी करेंगे।’’

कमलनाथ ने बताया, ‘‘हम फोरेंसिक जांच कर रहे हैं। वहां (विन्ध्य क्षेत्र) के वोटिंग पैटर्न पर निष्पक्ष जांच करायेगें। एक बार जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर चुनाव आयोग से बात करुंगा।’’

उन्होंने बताया, ‘‘फोरेंसिक रिपोर्ट आती है तो भाजपा उस पर आपत्ति कर सकती है। वह किस बात पर विरोध करेगें? मैं जांच करवा रहा हूं और मैं उसका पैसा दूंगा।’’

कमलनाथ ने कहा कि विन्ध्य इलाके में परिणाम के कारण ईवीएम या इसके प्रबंधन को लेकर शक है। इसलिए फोरेंसिक जांच करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सतना जिले में मतदान के दिन सबसे ज्यादा ईवीएम की गड़बड़ी की सूचना आई तथा यह लगभग तीन घंटों तक बंद रही। यहां तक कि विन्ध्य में परिणाम वोटिंग पैटर्न से मेल नहीं खा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वतंत्र पेशेवर एजेंसी को नियुक्त कर रहे हैं। वह कम से कम 40 फीसद ग्रामीण इलाकों में संपर्क कर लोगों से पता करेंगे कि उन्होंने किसे वोट दिया था।’’

जब उनसे सवाल किया गया कि फोरेंसिक जांच में वोटिंग पैटर्न और परिणामों में गडबड़ी सामने आने पर क्या कांग्रेस अदालत में जायेगी, तो इस पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘रिपोर्ट आने के बाद इस पर विचार करेंगे।’’

प्रदेश के विन्ध्य इलाके में सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली और अनूपपुर जिले आते हैं। इस बार विन्ध्य क्षेत्र से कांग्रेस को 30 में से केवल छह सीटें मिली हैं, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके से 12 सीटें मिली थीं।

मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है। उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। कमलनाथ ने इन 121 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा किया था और सोमवार को डेढ़ बजे भोपाल के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं।

कांग्रेस के किसानों का कर्ज माफ करने के वादे पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा यह बयान देने पर कि यह अर्थव्यवस्था के लिये अच्छा नहीं है, के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘मेरे पास इस बारे में पुख्ता योजना और रणनीति है। इसका खुलासा मैं 17 दिसंबर (कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने की तिथि) के बाद करुंगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट पर देख लें कि बैंकों ने उद्योग और व्यावसायिक घरानों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ किया है। यदि उनका कर्ज माफ किया जा सकता है तो किसानों का क्यों नहीं।’’

कमलनाथ ने कहा, ‘‘रघुराम राजन अगर गांव को समझते हैं तो वो बात करें। वह बतायें कि कितने साल गांव में काटे हैं, कितने साल खेतों में काम किया है।’’