लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जागरूकता विकास का मुख्य आधार है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नयी दिशा देने तथा ग्रामीण जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग के अधिकारियों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। ये अपनी सेवाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं को हर जरूरतमन्द तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है, बल्कि कार्य करने की इच्छाशक्ति उसे बड़ा बनाती है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रादेशिक विकास सेवा संगठन के वार्षिक अधिवेशन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को किस प्रकार लाभान्वित किया जाए। विकास कार्याें और जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में इस संवर्ग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को पहली बार 12 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां दो तिहाई आबादी गांवों में निवास करती है। इसलिए आवश्यक है कि गांवों का विकास तेजी से किया जाए, जिससे देश व प्रदेश को समृद्ध बनाया जा सके। प्रदेश सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ के मूल मंत्र को लेकर कार्य कर रही है। आजादी के 70 साल बाद भी जिन 34 वनटांगिया गांवों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था उन्हें वर्तमान राज्य सरकार द्वारा राजस्व ग्राम का दर्जा देने का काम किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से जरूरतमन्दों को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में कार्य करें, जिससे उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आ सके। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 11 लाख 53 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें 08 लाख 50 हजार आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि प्रदेश के गरीब, असहाय आमजन को दी जाने वाली सुविधाओं को लम्बित न रखा जाए। आवश्यक सत्यापन के पश्चात यथाशीघ्र जरूरतमन्द को अपेक्षित लाभ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री जी ने संगठन के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि जिस विकास खण्ड में अच्छा कार्य हो रहा हो उस क्षेत्र के कार्याें को डाॅक्यूमेन्ट्री फिल्म के माध्यम से मंच पर साझा करें, जिससे वे दूसरे अधिकारियों के लिए प्रेरक बनें।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी से निरंतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। आज आवश्यकता है कि गांव के परम्परागत ज्ञान को नई तकनीक से जोड़ा जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में सकारात्मक बदलाव आ सके।