नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि उर्जित पटेल ने देर से इस्तीफा दिया है। उन्हें 19 नवंबर को ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। उन्होंने सरकार को संदेह का लाभ लेने दिया। उन्हें नोटबंदी का समर्थन नहीं करना चाहिए था। इससे देश को नुकसान हुआ है और आरबीआई की छवि को बड़ा नुकसान हुआ है। चिदंबरम गुरुवार को दिल्ली में एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में बोल रहे थे।

चिदंबरम ने कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच स्वस्थ मतभेद होना चाहिए। हमारी सरकार और मौजूदा सरकार में यही अंतर है कि हमारे समय में आरबीआई गवर्नर ने इस्तीफा नहीं दिया।

भाजपा पर तंज कसते हुए चिदंबरम बोले, 'मौजूदा सरकार को लगता है कि वो आरबीआई की मालिक है। यह सरकार आरबीआई को अपना विभाग मानती है। उर्जित को बहुत पहले इस्तीफा देना चाहिए था।

उर्जित पटेल पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा, 'उन्हें नोटबंदी पर मोदी सरकार के फैसले पर समर्थन नहीं करना चाहिए था। इस फैसले से देश को और जनता को नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं आरबीआई की छवि धूमिल हुई है।

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया है। रिजर्व बैंक और सरकार के बीच पिछले कुछ समय से तनानती चल रही थी। सरकार के सेक्शन 7 के उपयोग करने को लेकर ये तनातनी चल रही थी। उर्जित पटेल ने कहा है कि उन्होने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। उर्जित पटेल ने अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक में काम करना सम्मान की बात है।