पटना: योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नेपाल के जनकपुर से लौटने के क्रम में पटना के महावीर मंदिर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में हार और जीत तराजू के दो पहलू रहे हैं. हमने जीत को स्वीकार किया है तो हमें हार को भी स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. उनका कहना था कि हमने कभी EVM या देश की संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में नहीं खड़ा किया है. यह भारतीय जनता पार्टी की संवैधानिक संस्थाओं और मर्यादाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि हमने अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास किया मध्यप्रदेश, राजस्थान में आपने देखा होगा कि लोगों ने तमाम तरह के दुष्प्रचार करने के प्रयास किए थे लेकिन इस सबके बावजूद इतना अच्छा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की रणनीति से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ. उनकी सभाओं में जनता ने उत्साह दिखाया और भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया जो हमारी आगे की लड़ाई को और आसान करता है. लेकिन लोगों ने झूठ बोलकर सत्ता हथियाने में सफलता प्राप्त की है. लोकतंत्र में जीत और हार अपने मायने रखती है.

योगी आदित्यनाथ के अनुसार बार-बार देश की संवैधानिक संस्थाओं के साथ-साथ EVM पर उंगलियां उठी थीं. इन पांच राज्यों के चुनाव के बाद किसी राजनीतिक दल ने कुछ नहीं कहा. यानी परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आ जाए तो EVM में गड़बड़ी है और भारतीय जनता पार्टी के विरोध में चला जाए तो फिर EVM की लोग धूप बत्ती लगाकर पूजा करने लगते हैं. यह दोहरा चरित्र भी देश की जनता के सामने है.

यह पूछे जाने पर कि क्या बजरंगबली की जाति बताना महंगा पड़ा, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने बजरंगबली की जाति नहीं बताई थी, कहा था कि देवस्व व्यक्ति के कृतित्व में समाहित होता है और देवस्व हर स्थान और हर जाति में और हर योनि में प्राप्त किया जा सकता है. बजरंगबली उसके उदाहरण हैं.