नई दिल्ली : जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी सैन्य शिविर पर सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से नियंत्रण रेखा के पार जाकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को 'राजनीतिक रंग' दिए जाने के आरोपों के बीच उस वक्त नॉर्दन कमान के चीफ रहे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी माना कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया। हालांकि उन्होंने भारतीय सेना के इस अभियान को बेहद जरूरी बताया, पर यह भी कहा कि इसे इतना प्रचारित करने की आवश्यकता नहीं थी। अब सेना प्रमुख बिपिन रावत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
सेना प्रमुख रावत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'सभी की अलग-अलग राय होती है, इसलिए उन पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। वह उस अभियान (सर्जिकल स्ट्राइक) में अहम भूमिका निभाने वालों में से थे, इसलिए उन्होंने जो कुछ भी कहा, मैं उसका सम्मान करता हूं।'
आर्मी चीफ की प्रतिक्रिया जनरल हुड्डा के यह कहे जाने के बाद आई है कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी था, पर उन्हें भी लगता है कि इस मामले को थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी।
यहां उल्लेखनीय है भारतीय सेना ने 29 सितंबर, 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक किया था और नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के कई लॉन्च पैड्स ध्वस्त कर दिए थे। उस वक्त जनरल हुड्डा नॉर्दर्न कमान के प्रमुख थे और उनकी इसमें अहम भूमिका रही थी। भारत ने 18 सितंबर, 2016 को कश्मीर के उड़ी स्थित सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद यह कार्रवाई की थी, जिसे पाकिस्तान की ओर से आए आतंकियों ने अंजाम दिया था।
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