नई दिल्ली: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में छिपे बैठे आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के करीब दो साल बाद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हूडा ने इस पर टिप्पणी की है. उनका मानना है कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया.

हूडा ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया. सेना का ऑपरेशन जरूरी था और हमें यह करना था. अब इस पर इतनी राजनीति हुई, यह सही है या गलत… यह तो हमें राजनेताओं से पूछना चाहिए.'

वहीं नियंत्रण रेखा पर होने वाली किसी अप्रिय घटना से सीमा पर तैनात सैनिकों को कैसे निपटना चाहिए? इस सवाल के जवाब में हूडा कहते हैं, 'मुझे लगता है कि नियंत्रण रेखा पर जिस तरह की चीजें हो रही हैं, उस सूरत में जब तक पाकिस्तान तनाव कम करने या घुसपैठ रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाता है, तब तक हमें बेहद सक्रिय और अप्रत्याशित जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए.'

यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने इस साल सितंबर में बताया था कि भारतीय सेना 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के लिए जून 2015 से ही तैयारी कर रही थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 'जवानों को साफ संदेश दिया गया था कि यहां असफलता की जगह नहीं है.'

जनरल सुहाग ने इसके साथ ही दावा किया था कि जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना और भी सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है. उन्होंने तब कहा था, 'हमनें अपनी काबिलियत दिखा दी है. हमारे जवान बेहद प्रेरित और एक बार ऐसा कर चुके हैं तो वह दोबारा भी इसे करने को लेकर आश्वस्त हैं. इसलिए, अगर हम एक बार ऐसा कर सकते हैं, तो हम दोबारा भी कर सकते हैं और जरूरत हुई तो बार-बार ऐसा कर सकते हैं.'