लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने पिछले वर्ष गरीब-बेटियों के विवाह के लिए “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” की शुरुआत की थी। योजना के शुरू हुए 15 माह बीतने के बाद इसने ‘सबका साथ-सबका विकास’ की एक सफल दास्तान लिख दी है। इस दौरान प्रदेश भर में 21 हजार से अधिक गरीब बेटियों का विवाह किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक बेटियां भी शामिल हैं।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछले महीने एक नवंबर को मुजफ्फरनगर में रिकार्ड 1151 बेटियों का एकसाथ विवाह संपन्न हुआ। खास बात यह रही कि इनमें से 455 अल्पसंख्यक परिवार की बेटियां थीं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जिस तरह से समाज के हर वर्ग के लोगों ने अपनी भागीदारी दिखाई है, उससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार के प्रति सभी में विश्वास बढ़ा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। पिछली विपक्षी सरकारों में सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थीं। इन योजनाओं के जरिए सामाजिक भेदभाव की नींव रखी गयी और सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जाता रहा, वहीं भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के हर पात्र व्यक्ति के दरवाजे पर सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए लगातार मेहनत कर रही है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना बराबरी का समाज स्थापित करने की दिशा में भी एक सकारात्मक प्रयास है। भेदभाव रहित समाज ही इसी क्षेत्र के विकास की बुनियादी शर्त है और भाजपा सरकार प्रदेश में इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है।