नई दिल्ली : अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए 6 दिसंबर को आत्मदाह कर लेने की बात कहने वाले महंत स्वामी परमहंस दास को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के साथ ही परमहंस को पुलिस ने जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया. जानकारी के मुताबिक, परमहंस के खिलाफ पुलिस ने यह कार्रवाई आत्महत्या की कोशिश, प्रदेश की शांति भंग और माहौल को खराब करने के आरोप में की है. संत परमहंस को पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में किया, जिसके बाद उन्‍हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

इससे पहले भी संत परमहंस ने आमरण अनशन किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्‍हें जबरन वहां से उठाकर पीजीआई में भर्ती करा दिया था. यहां सीएम योगी ने उनका अनशन तुड़वाया था.

बता दें कि तापसी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास ने राम मंदिर निर्माण के लिए बाबर विचारधारा विध्वंस महायज्ञ करने का ऐलान किया था. यज्ञ के ऐलान के साथ ही उन्होंने कहा था कि वह सीतामढ़ी से लाई मिट्टी से तिलक करेंगे और 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे आत्मदाह कर लेंगे.

चार व पांच दिसंबर को नागा साधुओं के अयोध्या कूच के ऐलान के बाद हलचल बढ़ गई है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अखाड़ा परिषद के कूच के आयोजन पर अपनी किसी सहमति से इनकार करते हुए कहा कि संतों ने पहले ही विराट धर्मसभा में राममंदिर के लिए धमार्देश लाने का फैसला किया है. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अवध प्रांत मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा, "विहिप संतों के मार्गदर्शन में काम करती है. अब कूच का क्या मतलब जब धर्मसभा में संतों ने राममंदिर के लिए धर्मादेश कर ही दिया है. राम के प्रति सभी की अपनी अलग-अलग श्रद्धा है. नागा साधु भी अपनी अभिव्यक्ति लेकर आ रहे होंगे. उन्होंने बताया कि नौ दिसंबर को दिल्ली में विराट धर्मसभा फिर होनी जा रही है, जो राममंदिर के लिए जनजागरण करेगी."