नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत की जांच में जुटी है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि पुलिस इंस्पेक्टर की मौत बुलेट लगने से हुई लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। एसआईटी से जुड़े सूत्रों के अनुसार कि इस बात की संभावना ज्यादा है कि सुबोध कुमार को उनके ही पिस्टल से गोली मारी गई होगी और इससे इंकार नहीं किया जा सकता। एसआईटी की इस थ्योरी के सही होने पर पूरा मामला पलट जाएगा।

बता दें कि एसआईटी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। पुलिस की यह थियरी यदि सही साबित होती है तो यह चौंकाने वाली बात होगी क्योंकि अभी तक यही कहा जा रहा है कि पुलिस इंस्पेक्टर की मौत भीड़ द्वारा की गई गोलीबारी में हुई। इस बीच सुबोध कुमार के परिजनों ने भी पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। परिजनों का कहना है कि इस घटना में पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। सुबोध कुमार की मौत यदि उनकी पिस्टल से हुई है तो कई सवाल उठेंगे।

सूत्रों ने मिरर नाउ से कहा कि स्थानीय बदमाशों के पास आम तौर पर इतने उन्नत किस्म का पिस्टल नहीं होता। ऐसे में इस बात की ज्यादा संभावना है कि सुबोध कुमार को उन्हीं कि पिस्टल से गोली मारी गई होगी। सुबोध कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में .32 बोर की पिस्टल से सुबोध कुमार की हत्या की आशंका जताई गई है। यूपी पुलिस .32 बोर वाले पिस्टल का इस्तेमाल करती है।

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि एसआईटी इस पूरे घटना की जांच कर रही है। उसकी रिपोर्ट में पूरे तथ्य सामने आ जाएंगे। अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं होगा। बुलंदशहर हिंसा मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अभी इस हिंसा में किसी संगठन के हाथ होने के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस का कहना है कि इस घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।