लखनऊ: बुलंदशहर में गौकशी की घटना के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह और ग्रामीण की मौत के मामले की जांच के लिए एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिरडकर को भेजा गया है। उनसे 48 घंटे में अपनी गोपनीय जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। पूरे मामले और इस संबंध में दर्ज होने वाले मुकदमों की गहन जांच के लिए आईजी रेंज मेरठ रामकुमार की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय एसआईटी भी गठित की गई है।

एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने यह जानकारी दी। डीजीपी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि घटना में सीओ समेत पांच पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं। घटना के कारण तनाव को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। बुलंदशहर में तब्लीगी इज्तमा के कारण 5 कंपनी आरएएफ व 6 कंपनी पीएसी पहले से जिले में तैनात हैं।

इस तीन दिवसीय आयोजन का सोमवार को आखिरी दिन था। इसमें एक समुदाय विशेष के करीब 15 लाख शामिल हुए। इस आयोजन के कारण आईजी रेंज मेरठ रामकुमार भी पहले से ही बुलंदशहर में थे। घटना की सूचना मिलते ही डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी केबी सिंह के अलावा वह भी पहुंचे। एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे।

उन्होंने बताया कि गौवंश के अवशेष खेतों से उठाकर ट्राली में रखने और उसे चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास लाकर रास्ता जाम करने वालों की भीड़ में तीन गांवों महाव, नया बांस व चिंगरावठी के लोग शामिल थे। खेतों में गौवंश के अवशेष होने की सूचना पूर्व प्रधान ने पुलिस को दी। इसी सूचना पर इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह अपने हमराहियों के साथ चिंगरावठी गांव पहुंचे थे। गौवंश काटे जाने के मामले में कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मना लिया था लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने खेतों से गौवंश के अवशेष उठा लिया और उसे लेकर रास्ते पर जाम लगा दिया। पुलिस चौकी पर पथराव के अलावा ग्रामीण कट्टे से फायरिंग भी कर रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। पुलिस चौकी के सामने बवाल की घटना दोपहर 12 बजे से 1.30 के बीच हुई।