नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में माना जा रहा था कि वोटिंग से दो दिन पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही प्रतियोगिता बंद हो गई क्योंकि सट्टा मार्केट भाजपा और कांग्रेस के बीच झूल रहा था। अब सत्तारूढ़ भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह सट्टा बाजार के आंकड़ों को इसलिए प्रभावित कर रही है ताकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सके।

टीओआई ने इस मामले में सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 28 नवंबर को मध्य प्रदेश में वोट पड़ने के दो दिन बाद भी इंदौर और भोपाल का सट्टा बाजार 75% वोटिंग प्रतिशत रहने के कारण कथित तौर पर कांग्रेस के पक्ष में दिख रहा था। ताजा अनुमान के मुताबिक, सट्टा-मटका बाजार कांग्रेस के लिए 120 सीटों जबकि भाजपा के लिए 98 से अधिक सीटों का अनुमान लगा रहा है।

शुक्रवार को भोपाल के भाजपा सांसद आलोक संजर ने टीओआई से इस मामले में बातचीत की। सांसद संजर का मानना है कि कई बार बुकी कुछ प्रभावशाली नेताओं के कारण दांव लगाकर सट्टा-मटका बाजार को भी प्रभावित कर देते हैं। उनका ये भी मानना है कि कांग्रेस सट्टा मार्केट में इसलिए अफवाहें फैला रही है ताकि वह राजस्थान के चुनावों को प्रभावित कर सके।

वहीं विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों का मजाक उड़ाते हुए कहा ये आंकड़े बाजार के अनुमान पर आधारित हैं। मध्य प्रदेश चुनावों से पहले, सट्टा-मटका बाजार ने कथित तौर पर भाजपा की आसान जीत के अनुमान लगाने शुरू कर दिए थे। लेकिन वोटिंग से ठीक एक हफ्ते पहले सट्टा बाजार का रुझान नाटकीय तरीके से अचानक भाजपा से कांग्रेस की तरफ मुड़ गया।

गौरतलब है कि 200 सीटों के लिए राजस्थान में कुल 2294 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रदेश में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 11 दिसंबर को नतीजे सबके सामने होंगे। वैसे बता दें कि हाल ही में राजस्थान की पोकरण सीट से भाजपा प्रत्याशी और तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी ने भाजपा की जीत को लेकर बयान दिया था। उनका अनुमान था कि प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। अब तो सट्टा बाजार भी 125-130 सीटें बता रहा है।