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दिल्लीवासियों से किसानों ने मांगी माफ़ी, बताया अपना दर्द

नई दिल्‍ली : 'माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी…हम किसान हैं.' ये चंद पंक्तियां भर नहीं हैं, जिसे पढ़कर आगे बढ़ जाया जाए. ये उन लाखों किसानों का दर्द है, जो उन्‍होंने दिल्‍ली में विरोध-प्रदर्शन करने के दौरान लोगों को बांटे पर्चे में जताया है. उन्‍होंने पीले रंग के इस पर्चे में उनके साथ हो रही नाइंसाफी को उजागर करना चाहा है. यह पर्चा पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

इसमें किसानों ने लिखा है- 'माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी…हम किसान हैं. आपको तंग करना हमारा इरादा नहीं है. हम खुद बहुत परेशान हैं. सरकार को और आपको अपनी बात सुनाने बहुत दूर से आए हैं. हमें आपका बस एक मिनट चाहिए.'

इसके बाद किसानों ने इस पर्चे में उन कीमतों का जिक्र किया है, जिसमें उनके साथ नाइंसाफी होती है. उन्‍होंने लिखा है कि मूंग दाल जो लोग 120 रुपये/किग्रा की दर पर खरीदते हैं, उसकी उन्‍हें सिर्फ 46 रुपये/किलो कीमत ही मिलती है. इसी तरह जो टमाटर हम लोग बाजार से 30 रुपये/किग्रा की दर पर खरीदते हैं, उसकी कीमत किसानों को 5 रुपये/किग्रा मिलती है. वहीं जो सेब लोग बाजार से 110 रुपये/किग्रा पर खरीदते हैं, उसकी कीमत किसान सिर्फ 10 रुपये/किग्रा पाता है. 42 रुपये/लीटर की दर से खरीदे गए दूध की कीमत किसानों को महज 20 रुपये प्रति लीटर मिल पाती है.

किसानों ने इसके आगे लिखा है 'यह है हमारी परेशानी. हम हर चीज महंगी खरीदते हैं और सस्‍ती बेचते हैं. हमारी जान भी सस्‍ती है. पिछले बीस साल में तीन लाख से अधिक किसान आत्‍महत्‍या कर चुके हैं. हमारी मुसीबत की चाभी सरकार के पास है, लेकिन वो हमारी सुनती नहीं. सरकार की चाभी मीडिया के पास है, लेकिन वो हमें देखता नहीं. और मीडिया की चाभी आपके पास है. आप हमारी बात सुनेंगे, इस उम्‍मीद से हम आपको अपनी दुख-तकलीफ समझाने आए हैं.

किसानों ने पर्चे में मांग की है 'हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि संसद का एक विशेष सत्र किसानों की समस्‍या पर बुलाया जाए. और उसमें किसानों के लिए दो कानून पास किए जाएं. फसलों के उचित दाम की गारंटी का कानून और किसानों को कर्ज मुक्‍त करने का कानून. कुछ गलत तो नहीं मांग रहे हम? किसानों ने पर्चे में अपना दर्द जताने के बाद अंत में कहा है 'अगर आपको हमारी बात सही लगी हो तो इस मार्च में दो कदम हमारे साथ चलिए.' उन्‍होंने लोगों से मार्च में शामिल होने की अपील की है.

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