नई दिल्ली: कृषि ऋण माफी, फसलों का लागत मूल्‍य से डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम और किसानों की समस्‍या पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर हजारों की तादाद में किसान दिल्‍ली के रामलीला मैदान में जुटे। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्‍वय समिति के महासचिव योगेंद्र यादव ने बताया कि डेढ़ साल में किसान चौथी बार दिल्‍ली आए हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस पर ध्‍यान नहीं दिया गया। उन्‍होंने सरकार को देश के इतिहास की सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार भी करार दिया।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्‍वय समिति के महासचिव और किसानों के प्रदर्शन की अगुआई कर रहे योगेंद्र यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्‍होंने कहा, ‘इस देश के सभी किसानों को अगर कोई एक चीज जोड़ती है तो वह उसका दर्द है। इसने कोने-कोने के किसानों को जोड़ दिया है। पिछले डेढ़ साल में किसान बार-बार दिल्‍ली आए हैं। यह चौथी बार है जब देश के किसान देश की राजधानी पहुंचे हैं। लेकिन, सरकार की ओर से न तो कोई जवाब दिया गया है और न ही कोई काम किया गया है। मेरे हिसाब से देश के इतिहास में यह सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार है।’ योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी आलोचना की। उन्‍होंने कहा, ‘आप फसल बीमा योजना के बारे में किसी भी गांव के किसान से पूछ लीजिए, वह कहेंगे कि यह ठगी और धोखा है। यह बैंकों का बीमा है, किसानों का नहीं। इससे कंपनियों को मुनाफा हो रहा है, किसानों की सुरक्षा नहीं।’

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी किसानों का समर्थन कर रही हैं। उन्‍होंने बताया कि प्रदर्शन में 208 किसान संगठन हिस्‍सा ले रहे हैं। पाटकर ने बताया कि कृषि प्रधान देश होने के बावजूद 3 लाख से ज्‍यादा किसान आत्‍महत्‍या कर चुके हैं। उन्‍होंने बताया कि किसान अन्‍य मागों के साथ कृषि और किसानों की समस्‍या पर संसद का विशेष सत्र बुलवाने की मांग कर रहे हैं। मेधा पाटकर ने बताया कि मछुआरा, दुग्‍ध उत्‍पादन में लगे लोग, खेती-किसानी से जुड़े मजदूर और आदिवासी पहली बार एकजुट होकर एक मंच पर आए हैं। उन्‍होंने आरोप लगाया कि प्राकृतिक संसाधनों को कॉरपोरेट के हाथ में सौंपा जा रहा है।

‘सरकार ने बार-बार झूठ बोला’: योगेंद्र यादव ने किसानों से जुड़े मुद्दे पर सरकार द्वारा बार-बार झूठ बोलने का भी आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, ‘इस सरकार ने बार-बार झूठ बोला है। फिर चाहे वह फसल बीमा योजना हो या किसानों की आय दोगुनी करने की बात हो। किसान हितैषी सरकार कोई नहीं रही है, लेकिन इतनी झूठी सरकार इस देश में कभी नहीं देखी।’ बता दें कि किसान फसल लागत से डेढ़ गुना ज्‍यादा कीमत देने की व्‍यवस्‍था कराने और लोन माफ करने की भी मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि महाराष्‍ट्र में भी अपनी मांगों को लेकर हजारों की तादाद में किसानों ने मुंबई मार्च किया था।