नरेंद्र मोदी और उमा भारती की जाति पर की टिप्पणी

नई दिल्ली: देश में इन दिनों राम मंदिर का मुद्दा छाया हुआ है। यही वजह है कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी राम मंदिर का मुद्दा खूब उछाला गया। अब राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेसी नेता सीपी जोशी ने एक विवादित बयान दिया है। नाथद्वारा में एक चुनावी सभा के दौरान सीपी जोशी ने राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कहते हैं कि कांग्रेसी हिंदू नहीं हो सकते! उन्हें सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार किसने दिया? क्या उन्होंने कोई यूनिवर्सिटी खोल ली है? यदि धर्म के बारे में कोई जानता है तो वो ब्राह्मण और पंडित जानते हैं। उमा भारती एक लोधी है और वह हिंदुत्व के बारे में बात करती हैं। मोदी जी हिंदुत्व के बारे में बात करते हैं। सिर्फ ब्राह्मण ही इसके बारे में बात नहीं कर रहे हैं। देश को गुमराह किया जा रहा है। धर्म और प्रशासन, दो अलग-अलग चीजें हैं। हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।

सरदार पटेल के बारे में बोलते हुए सीपी जोशी ने कहा कि सरदार जी पंडित नेहरु की कैबिनेट में थे। पटेल जी ने भारत को एक करने का काम किया और इस काम में पंडित नेहरु ने भी उन्हें खूब समर्थन दिया। उन्होंने कभी भी पंडित नेहरु की मंजूरी के बिना कुछ भी नहीं किया। लेकिन ये लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं कि दोनों साथ नहीं थे। बता दें कि पीएम मोदी ने हाल ही में गुजरात में नर्मदा के किनारे सरदार पटेल की एक विशाल प्रतिमा का अनावरण किया था। सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें फैलायी जा रही हैं कि पंडित नेहरु और सरदार पटेल के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। जबकि कांग्रेस पार्टी ऐसी किसी भी बात से इंकार कर रही है और भाजपा पर आरोप लगा रही है कि वह सरदार पटेल की लोकप्रियता को भुनाने का प्रयास कर रही है।

वहीं सीपी जोशी के बयान से उनकी पार्टी ने ही पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में इस मुद्दे पर कहा है कि “सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी वर्ग को दुख पहुंचे। कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरुर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।”