भोपाल से तौसीफ़ क़ुरैशी

भोपाल। रायपुर से लौटते हुए रास्ते में मालूम चला कि मोदी सरकार के इशारे के बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने आननफानन में कश्मीर की विधानसभा को भंग कर दिया है वैसे तो इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है निकाले जाने भी चाहिए पता चला है कि राज्य में कांग्रेस ,पीडीएफ़ व एनसी का गठजोड़ होने की सूचना मिलते ही यह क़दम उठाया गया है कश्मीर की सियासत में महबूबा मुफ़्ती , उमर अब्दुल्ला व ग़ुलाम नबी आज़ाद की एकता कश्मीर की सियासत को नया रूप देने के लिए अपने आप में बहुत बड़ी ख़बर है तीन धुरविरोधी पार्टियाँ एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जब सहमति जता दे तो समझो बहुत बड़ा बदलाव होने की तैयारी है जिसको भाँपकर मोदी की भाजपा ने वहाँ की विधानसभा को भंग करने का फ़ैसला लिया जो किसी भी सूरत में सही नही कहा जा सकता अब वहाँ चुनाव के ज़रिये ही नई सरकार का रास्ता साफ हो सकेगा लेकिन अब कहाँ कहाँ यह सब करेगी मोदी की भाजपा क्योंकि राहुल गांधी जिसे पप्पू कहते है मोदी और उनके अनुयायीयों पर लगता है भारी पड़ रहा है मोदी को घेरने के लिए विपक्ष एकता की तरफ़ जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा मोदी की भाजपा की सांसे फूलने लगी है राज्यपाल का सहारा लेकर विपक्ष के कश्मीर में सरकार बनाने के ताज को सर पर सजने से रोक ज़रूर दिया मगर ख़त्म नही किया वह और मज़बूत होकर सरकार बनाने को आगे आएगा इससे इंकार नही किया जा सकता।मोदी की भाजपा को विपक्ष की एकता की चुनौती सिर्फ़ कश्मीर में ही नही मिल रही पूरे भारत में यही हाल है कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक सब एकजुट होते दिख रहे है यूपी के उप चुनावों से शुरू हुआ महागठबंधन का जादू कर्नाटक में भी चला भले ही वहाँ चुनाव बाद हुआ पर उसका असर देखने को मिल रहा है वहाँ भी अभी उप चुनाव में पाँच सीटों में से मात्र एक सीट पर संतोष करना पड़ा वह भी येदूरप्पा का पुत्र जीता मोदी की भाजपा नही तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस का गठबंधन फ़ाइनल है आँध्र प्रदेश व तेलंगाना में कांग्रेस ने चन्द्रबाबू नायडू से हाथ मिला चुकी है महाराष्ट्र में भी कांग्रेस एनसीपी के साथ मिल कर ही चुनाव लड़ेगी कर्नाटक में एचडी देवगोडा की पार्टी जेडीएस और कांग्रेस का गठबंधन चल ही रहा है बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही महागठबंधन का हिस्सा है रही केरल की बात अगर लेफ़्ट कांग्रेस के साथ गठबंधन भी नही करता है तब भी वह केन्द्र में सरकार बनने के वक़्त कांग्रेस के साथ ही खड़ा दिखाई देगा अब बात करते है हिन्दुस्तान की सियासत के ह्रदय की मतलब यूपी की जहाँ देश की सबसे अधिक सीटें है वहाँ भी गठबंधन की क़वायदें चल रही है यह बात अलग है कि मोदी की भाजपा वहाँ भी गठबंधन की राह में सरकारी तोता सीबीआई रूपी काँटे बिछा रही है लेकिन जबसे सीबीआई में विवाद छिड़ा है उसकी धार कुछ कम हुई है ख़ैर यह बात अलग उसके बाद भी गठबंधन की खिचड़ी पक रही है पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी खुद लगी है महागठबंधन को मज़बूती देने के लिए तो वहाँ की बात क्या करना कि वहाँ गठबंधन होगा या नही होगा।पंजाब में कांग्रेस मज़बूत है ही दिल्ली में और ओड़िसा को छोड़ दे तो बाक़ी जगह कांग्रेस और मोदी की भाजपा की सीधी लडाई है अब क्या इन सभी प्रदेशों में धारा 356 लगाकर कांग्रेस के गठबंधन के प्लान को फेल करेगी कल तक धारा 356 का विरोध करने वाली आज उसी को हथियार बना रही है लोकतंत्र और तानाशाही में क्या फ़र्क़ है लोकतंत्र में जनता तय करती है कि हमारा राजा कौन होगा और तानाशाही में व्यक्ति तय करता है कि मेरा पालतू कौन है बस यही फ़र्क़ है होता है लोकतंत्र और तानाशाही में आज देश को बदलने की नाकाम कोशिश की जा रही है सिर्फ़ धार्मिक भावनाओं के आधार पर उसी के विरोध में सामूहिक विपक्ष मोदी की भाजपा ख़िलाफ़ एकजुट हो रहा है इसकी क्या वजह है यह बताने की कोशिश नही करती मोदी की भाजपा कि आख़िर क्यों ऐसा हो रहा है इसपर भी तो विचार होना चाहिए सरकार का कार्यकाल खतम होने को है कुछ नही किया सिर्फ़ हिन्दु मुसलमान पर बहस की और कराई गोदी मीडिया के ज़रिए अब इस बात से तो देश नही चलता देश चलता है नीतियों से और वह नागपुरिया आईडियोलोजी के पास है नही जिसकी वजह से मोदी की भाजपा के विरूद्ध एक जुटता बनने में कांग्रेस को आसानी हो रही है।