नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग की लीज़ खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर एजेएल (AJL) की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. यानी बिल्डिंग अभी खाली नहीं कराई जाएगी. दिल्ली हाईकोर्ट एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यानी AJL (नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र की मालिक) की उस अर्ज़ी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें लीज़ के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोपों के आधार पर उनकी लीज़ रद्द करने तथा हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुन लेने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा.

इससे पहले 13 नवंबर को हाईकोर्ट ने सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि अगली तारीख तक यथास्थिती बनाई रखी जाए. इस दौरान केंद्र की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया था कि इस दौरान बिल्डिंग सील करने या खाली करने की कार्रवाई नहीं होगी. एजेएल का कहना है कि आदेश राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद विपक्षी पार्टियों की असंतोष की आवाज को दबाना व बर्बाद करना है.

आपको बता दें कि शहरी विकास मंत्रालय ने 30 अक्टूबर को जारी आदेश में एजेएल को 15 नवंबर तक यह परिसर खाली करने को कहा था. इस याचिका पर सुनवाई होनी है. याचिका में कहा गया है कि भूमि और विकास कार्यालय का यह आदेश अवैध, असंवैधानिक, मनमाना, दुर्भावना से पूर्ण और अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उठाया गया कदम है. परिसर खाली नहीं करने की सूरत में केंद्र सरकार ने कंपनी को कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

आदेश में कहा गया था कि परिसर में पिछले 10 साल से कोई भी प्रेस संचालित नहीं हो रही है. लीज के नियमों का उल्लंघन करते हुए इस इमारत का कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है. एजेएल ने केंद्र के इन आरोपों का खंडन किया था. एजेएल बीते कई दशकों से अखबार का प्रकाशन कर रहा है. हालांकि, वित्तीय संकट की वजह से थोड़े समय से इसका प्रकाशन रुका रहा, लेकिन औपचारिक अखबार और डिजिटल मीडिया का संचालन पूरी तरह से बहाल था. सप्ताहिक नेशनल हेराल्ड ऑन संडे का प्रकाशन 24 सितंबर, 2017 से फिर से शुरू हुआ और इसे हेराल्ड हाउस दिल्ली से प्रकाशित किया जा रहा है. एजेएल ने इसी परिसर से 14 अक्टूबर से अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार 'नवजीवन' का फिर से प्रकाशन शुरू किया. एजेएल की याचिका के अनुसार, अंग्रेजी अखबार 'नेशनल हेराल्ड', हिंदी का 'नवजीवन', उर्दू का 'कौमी आवाज' तीनों के डिजिटल प्रारूप को 2016-17 में शुरू किया गया था.