बोले–आप में से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) विवाद को लेकर जबरन छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर मंगलवार (20 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई इस दौरान मीडिया के बीच मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट लीक होने को लेकर खफा हो गए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “हमें नहीं लगता कि आपमें से कोई भी सुनवाई के लायक है।” यह बात कहते हुए उन्होंने मामले की सुनवाई टाल दी और अगली सुनवाई के लिए 29 तारीख (गुरुवार) तय की।

कोर्ट ने इसी के साथ मीडिया में लीक रिपोर्ट को लेकर वकील फली नरीमन से स्पष्टीकरण मांगा। पूछा, “रिपोर्ट आखिर मीडिया संसंथानों के बीच कैसे लीक हुई?” हालांकि, कोर्ट की ओर से इस सुनवाई को टालने का कारण नहीं बताया गया। वहीं, नरीमन ने कहा, “मैं परेशान हूं। रिपोर्ट हमारी ओर से लीक नहीं हुई। प्रेस की आजादी और उसकी जिम्मेदारी साथ-साथ चलनी चाहिए। प्रेस को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”

इससे पहले, कोर्ट में शुक्रवार (16 नवंबर) को इस मामले पर सुनवाई हुई थी। पर कोर्ट ने तब किसी प्रकार का आदेश देने से मना कर दिया। कोर्ट बोला कि वह केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में वर्मा को सौंपेगा, जिसका जवाब वर्मा दे सकते हैं। कोर्ट उसके बाद ही आगे फैसला लेगा। कोर्ट ने इसके अलावा सीबीआई में दूसरे नंबर अधिकारी राकेश अस्थाना (फोर्स लीव पर) को सीवीसी की जांच रिपोर्ट सौंपने से मना कर दिया था।

आपको बता दें कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के डायरेक्टर और नंबर 2 अधिकारी राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) पर करोड़ों की रिश्तवखोरी के आरोप हैं। ये आरोप इन दोनों शीर्ष अधिकारियों ने एक-दूसरे पर लगाए हैं, जिसके बाद से यह मामला सुर्खियों में है।

केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार ने इसी के कारण प्रभावित हो रही सीबीआई की साख को लेकर दोनों अधिकारियों को अचानक जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। वर्मा ने उसी फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। इन दोनों को हटाने के बाद नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था।