करीब-करीब साफ हो गया है। वीवीआईपी चॉपर डील में मिशेल मनीलॉन्ड्रिंग सहित कई केस में वांछित है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि भारत और यूएई के बीच प्रत्यर्पण समझौते के अनुरूप मिशेल को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। बता दें कि 54 वर्षीय मिशेल ब्रिटेन का नागरिक है।
मिशेल को प्रत्यर्पित करने के बारे में पहले भी रिपोर्ट आती रही है लेकिन इस बार आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि हुई है। कोर्ट ने भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मिशेल की याचिका खारिज कर दी है। अब मिशेल के पास यूएई के मंत्रालय से अनुरोध करने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं है।
गत सितंबर में यूएई की एक अदालत अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले के अहम आरोपी मिशेल को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश पहले ही जारी कर चुकी है। मिशेल का प्रत्यर्पण केंद्र की राजग सरकार के लिए एक बड़ी सफलता है। वीवीआईपी चॉपर घोटाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान हुआ था। भारतीय जांच एजेंसियों की पूछताछ में मिशेल उन राजनीतिज्ञों एवं नौकरशाहों के नामों का खुलासा कर सकता है जिन्हें 3727 करोड़ रुपए के सौदे को परवान चढ़ाने के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई। इसके अलावा राफेल डील पर कांग्रेस के आरोपों का सामना कर रही है मोदी सरकार नए सिरे से कांग्रेस पर आक्रामक हो सकती है।
मिशेल ब्रिटेन का नागरिक है। यूएई के सुरक्षा एजेंसियों ने फरवरी 2017 में मिशेल को गिरफ्तार किया और इसके बाद से उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें चल रही थीं। मिशेल यूएई में अभी जमानत पर है। मिशेल को भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए भारतीय एजेंसियों सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूएई का कई बार दौरा किया। इस दौरान जांच एजेंसियों ने यूएई के अधिकारियों एवं न्यायालय के साथ घोटाले से जुड़े आरोपपत्र, गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्य एवं दस्तावेज साझा किए।
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