लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने दिव्यांग जन मंत्री ओमप्रकाश राजभर को सोच व सिद्धांत से भी “दिव्यांग“ बताते हुए पलटवार किया है। पीएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व समाजवादी बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से शिवपाल यादव की कोई मुलाकात किसी भी संदर्भ में नहीं हुई है। एक बड़े नेता ने प्रयास किया था किन्तु शिवपाल जी मिलने नहीं गए। इस अभिप्राय की जानकारी वे नेता स्वयं ही सार्वजनिक रूप से दे चुके हैं। ऐसे में ओमप्रकाश राजभर जी ने जिस दिव्य-दृष्टि से “अमित शाह-शिवपाल“ मुलाकात देखा है, सार्वजनिक करें, अन्यथा सफेद झूठ, मिथ्या-भ्रम व मनगढ़न्त कहानी प्रचारित करने के लिए माफ़ी माँगें। रही बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की, उनसे शिवपाल जी जितनी बार भी मिले हैं, मिलने से पूर्व और मिलने के पश्चात् प्रेस के माध्यम से सबको जानकारी दिया है। वे मुख्यमंत्री से जनसमस्याओं के सवाल पर ही मिले हैं और आगे भी जनसमस्याओं के समाधान के लिए मिलते रहेंगे।

श्री मिश्र ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर जी निरन्तर व प्रतिदिन उत्तर प्रदेश कैबिनेट की गरिमा व गुरुत्व गिरा रहे हैं। न केवल स्वयं अपितु मुख्यमंत्री की भी स्थिति हास्यास्पद बना दिया। मा० राज्यपाल व मा० मुख्यमंत्री तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप कर कैबिनेट की गरिमा बचायें और ओमप्रकाश राजभर जी पर वैधानिक कार्यवाही करें।

दीपक ने जोर देकर कहा कि शिवपाल यादव जी की बढ़ती लोकप्रियता और उनके पक्ष में उमड़ता व्यापक जनसमर्थन देखकर ओमप्रकाश राजभर जी का अनर्गल प्रलाप करना स्वाभाविक है। वे अपनी सैद्धान्तिक साख पूरी तरह खो चुके हैं। चर्चा में बने रहने के ऐसे बयान दे रहे हैं। मिश्र ने राजभर जी को सलाह दी कि या तो संविधान द्वारा निर्धारित सामूहिक दायित्व का निर्वहन करें या फिर संविधान की दुहाई देना बंद करें।
पीएसपी सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाली सोच व जमात के साथ न कभी खड़ी हुई है न आगे होगी। भाजपा पर जितना सैद्धांतिक व मारक प्रहार शिवपाल जी एवं पीएसपी द्वारा होता है, शेष विपक्ष नहीं कर पाता। ओमप्रकाश जी तो सोच भी नहीं सकते।

श्री मिश्र ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार सामरिक व आर्थिक मोर्चे पर पूर्णतया विफल हो चुकी है। देश के ऊपर प्रतिवर्ष 10.6 अरब डालर का कर्ज बढ़ रहा है। भारत के ऊपर प्रतिव्यक्ति 448 डालर कर्ज पहले से ही है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह विदेशियों के कर्ज-जाल में फंसने के कगार पर है और मा० प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री “नीरो“ की भांति अन्य क्रिया-कलापों में मगन हैं। पीएसपी केन्द्र की कर्ज बढ़ाओ आर्थिक नीति के विरोध में है।