श्रेणियाँ: राजनीति

2014 जैसी मोदी लहर अब मुश्किलः प्रशांत किशोर

नई दिल्ली: जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भारतीय राजनीति के मौजूदा दौर को लेकर एक इंटरव्यू में कहा कि पीएम मोदी बड़े नेता हैं, लेकिन साल 2014 जैसी लहर अब थोड़ी मुश्किल दिखाई दे रही है। प्रशांत किशोर से जब आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखें तो भाजपा अभी भी बढ़त में है। लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं कि चुनाव 10-12 दिन में भी पलट सकता है। लेकिन यदि आज चुनाव होता है तो इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा अकेली सबसे बड़ी पार्टी होगी। हालांकि भाजपा के 272 से ज्यादा सीटें जीतने को प्रशांत किशोर ने मुश्किल बताया। 2014 से लेकर अब तक आए बदलावों की बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अब लोग जमीनी हकीकत और वादों पर बात करना चाहते हैं, ना कि लोक-लुभावन वादों पर। इसलिए मुझे लगता है कि अगले चुनावों में कोई लहर नहीं होगी और चुनाव छोटे-छोटे मुद्दों पर लड़ा जाएगा। 2019 के चुनाव में लोग उम्मीदवारों को देखकर वोट करेंगे।

प्रशांत किशोर का मानना है कि 2019 के चुनावों में भी डिजिटल प्लेटफॉर्म काफी अहम साबित होगा। जेडीयू उपाध्यक्ष ने कहा कि 2014 में देश में 4-5 करोड़ स्मार्टफोन थे, जो कि अब बढ़कर 35-40 करोड़ हो गए हैं। हालांकि अभी भी देश के 50 प्रतिशत मतदाता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं है। लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया अगले चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा। चुनावों में महागठबंधन की भूमिका पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अकेली पार्टी के लिए जीतना कतई आसान नहीं होगा और जीत के लिए बड़ा गठबंधन जरुरी है लेकिन इसके साथ ही गठबंधन का कोई उद्देश्य भी होना चाहिए, उसकी एक दिशा तय होनी चाहिए।

राम मंदिर को लेकर हो रही राजनीति और इसे लेकर जेडीयू के स्टैंड के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनावों के दौरान विभिन्न राजनैतिक पार्टियां ऐसे मुद्दों को उठाती हैं, जो उनके पक्ष में काम करें। हालांकि राम मंदिर का फैसला सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए और सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। जेडीयू के इस मुद्दे पर स्टैंड को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि इस पर पार्टी उचित मंच पर विचार-विमर्श करेगी। लेकिन गठबंधन के दौरान कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन पर आपकी सहमति होती है और कुछ ऐसे, जिन पर नहीं होती। एक अलग पार्टी होने के नाते हम अपना स्टैंड सिर्फ इसलिए नहीं बदलेंगे क्योंकि भाजपा ऐसा चाहती है। 2 लोकसभा सांसद और 4-5 राज्यसभा सांसद के दम पर हम उस स्थिति में भी नहीं हैं कि हम भाजपा को रोक सकें, लेकिन हम अपनी आवाज जरुर उठाएंगे।

प्रशांत किशोर से जब सवाल किया गया कि पहले चर्चा थी कि आप भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं, फिर आपने जेडीयू ज्वाइन कैसे की? इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार में काम करना चाहते थे। साथ ही वह नीतीश कुमार द्वारा बिहार में किए गए कामों से भी काफी प्रभावित हैं। वह देश के सबसे अच्छे मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। जेडीयू एक छोटी पार्टी है और विचारधारा के स्तर पर कह सकते हैं कि अभी क्लीन स्लेट की तरह है। यही वजह है कि मैं इस पार्टी के साथ ज्यादा सहज महसूस कर पाता हूं।

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024