नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शनिवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांकेर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ समृद्ध है, लेकिन लोग गरीब हैं। आपके पास जल, जंगल और खदान जैसे प्राकृतिक संसाधन है लेकिन छत्तीसगढ़ भारत का सबसे गरीब राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ते हैं लेकिन जब वह छत्तीसगढ़ आते है, तो वह भ्रष्टाचार की बात नहीं करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह चाहते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पांच सालों में कृषि का केन्द्र बन जाएं और देश को खाना, फल और सब्जियां मुहैया कराए। उन्होंने आरोप लगाया, ''पिछले चार-पांच सालों में केन्द्र सरकार ने 15 सबसे धनी लोगों को 3.5 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि देश में मनरेगा योजना चलाने के लिए सालाना 35,000 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, उन्होंने उस राशि का दस गुना धन 15 चुनिंदा उद्योगपतियों का माफ कर दिया है।

राहुल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राजकोष की चाभी 15 चुनिंदा लोगों को दे दी है लेकिन कांग्रेस यह चाभी किसानों, युवाओं, गरीबों, महिलाओं को आदिवासियों को देना चाहती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के 15 साल के शासन में 40 लाख युवा बेरोजगार हैं, आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों को दी जा रही है, शिक्षकों के पद खाली, अधिकांश भूमि में कोई सिंचाई सुविधाएं नहीं है। अन्य राज्यों के लोगों ने यहां रोजगार दिया जा रहा है। हम इसे रोक देंगे। छत्तीसगढ़ के लोग नौकरियां मिलेंगी और भूमिहीन लोगों को भूमि देंगे।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रों को 3,50,000 करोड़ रुपये दिए, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने पिछले साढ़े चार सालों में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। हमने पंजाब के किसानों के लिए ऋण छूट का वादा किया था। हमने यह किया है।

राहुल ने कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करेंगे और बीजेपी ने भी जो वादे किए हैं उनको पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि लाखों युवक बेरोजगार हैं, किसानों को उनकी फसल का सही पैसा नहीं मिल रहा है। बस्तर में कोई इंड्रस्टी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम जीते तो हर ब्लॉक में फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलेंगे जिससे आपके बेटे और बेटियों को रोजगार मिलेगा।

गौरतलब है कि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को मतदान होगा। मध्यप्रदेश में विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणामों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी।