नई दिल्ली: पत्रकार से राजनेता बने एमजे अकबर, जिन्हें हाल ही में यौन उत्पीड़न के ढेरों आरोप लगने के बाद केंद्रीय मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था, पर अब अमेरिका में बसी एक महिला पत्रकार ने रेप का आरोप लगाया है, जो दो दशक से भी अधिक समय पहले उन्हीं के साथ काम किया करती थीं. एमजे अकबर के वकील ने The Washington Post को बताया है कि पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने इन आरोपों को झूठ बताकर खारिज कर दिया है. The Washington Post ने ही नेशनल पब्लिक रेडियो (NPR) की संपादक पल्लवी गोगोई का वह बयान प्रकाशित किया था, जिसमें एमजे अकबर पर आरोप लगाया गया. पल्लवी गोगोई ने लिखा है कि एमजे अकबर समाचारपत्र 'द एशियन एज' के प्रधान संपादक थे, जब वह (पल्लवी) 'अकबर से प्रभावित 22-वर्षीय पत्रकार' के रूप में समाचारपत्र से जुड़ी थीं. पल्लवी लिखती हैं, वह उनकी 'भाषा तथा वाक्यांशों से मंत्रमुग्ध थीं' और सभी प्रकार का 'ज़ुबानी अत्याचार' बर्दाश्त करती गईं, क्योंकि वह इसे सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा मानती रहीं.

जल्द ही उन्हें ऑप-एड पेज की संपादक बना दिया गया, लेकिन पल्लवी के अनुसार, इस बड़े मौके के लिए उन्हें 'काफी बड़ी कीमत' चुकानी पड़ी. पल्लवी गोगोई ने उस भयावह अनुभव को याद किया, जब वह ऑप-एड पेज दिखाने के लिए एमजे अकबर के पास गईं. वह लिखती हैं, "उन्होंने मेरे प्रयास की तारीफ की, और अचानक मुझे चूमने के लिए झुक गए,मैं घबरा गई, मैं उनके ऑफिस से निकली, लाल चेहरा, कन्फ्यूज़्ड, शर्मिन्दा तथा छिन्न-भिन्न."

दूसरी घटना कुछ महीने बाद हुई, जब एक पत्रिका के लॉन्च के समय "उन्होंने मुझे फैन्सी ताज होटल (मुंबई में) के अपने कमरे में बुलाया, फिर ले-आउट देखने के लिए. जब वह दोबारा मेरे करीब आए, मुझे चूमने के लिए, मैंने संघर्ष किया, और उन्हें परे धकेल दिया. जैसे ही मैं भागने लगी, बहते आंसुओं के साथ, उन्होंने मेरा मुंह नोच लिया."

इसके बाद एक बार फिर उन्होंने मुझे बुलाया, इस बार जयपुर के एक होटल से. वह आरोप लगाती हैं, "हालांकि मैंने संघर्ष किया, वह शारीरिक रूप से मुझसे ज़्यादा ताकतवर थे." अत्याचार और ताकत के प्रदर्शन का यह चक्र चलता रहा, जिसमें "उन्होंने मुझे यौन रूप से, ज़ुबानी तथा भावनात्मक रूप से अपवित्र कर दिया."पल्लवी गोगोई बताती हैं कि उन्होंने अपने मित्रों को यह बात बताई, जो खुद भी लेखक-संपादक की कथित रूप से शिकार बन चुकी थीं. पल्लवी के अनुसार, "मैं बिखर चुकी थी – भावनात्मक रूप से, शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से."

वह अंत में लिखती हैं, "मैं यह सब उन महिलाओं का समर्थन करने के लिए लिख रही हूं, जो सच बताने के लिए सामने आई हैं. मैं यह लिख रही हूं, अपनी किशोर बेटी तथा बेटे के लिए. ताकि उन्हें पता चले कि उन्हें संघर्ष करना है, जब कोई उन्हें शिकार बनाने की कोशिश करे. ताकि उन्हें पता चले, उन्हें किसी को शिकार नहीं बनाना है."

अब तक एमजे अकबर की 20 से ज़्यादा ऐसी पूर्व महिला सहकर्मी सामने आ चुकी हैं, जिन्होंने शक्तिशाली स्थिति में रहे पत्रकार के हाथों खुद पर हुए कथित अत्याचार की बात कही है. उनमें से एक के खिलाफ एमजे अकबर ने मानहानि का मुदमा भी किया है. एमजे अकबर ने सबसे पहले उन पर आरोप लगाने वाली प्रिया रमाणी पर 'जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण, मनगढ़ंत तथा अश्लील' आरोप लगाकर उनकी साख को बट्टा लगाने का आरोप लगाया है.

17 अक्टूबर को विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद एमजे अकबर ने एक बयान में कहा था, "चूंकि मैंने निजी हैसियत में न्यायालय से इंसाफ पाने का फैसला किया है, मुझे यही उचित लगा कि मैं इस्तीफा दे दूं, और मुझ पर लगाए गए फर्ज़ी आरोपों को चुनौती दूं." प्रिया रमाणी ने कहा कि वह मानहानि की शिकायत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं, तथा 'सच, और सिर्फ सच ही मेरा बचान करेगा.' प्रिया रमाणी के अनुसार, जिन महिलाओं ने एमजे अकबर के खिलाफ ज़ुबान खोली है, 'उन्होंने निजी तथा पेशेवर ज़िन्दगी में बहुत बड़ा खतरा उठाया है.'

प्रिया रमाणी के बाद कई महिलाओं ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं. इस सूची में प्रेरणा सिंह बिंद्रा, ग़ज़ाल वहाब, शुतापा पॉल, अंजु भारती, सुपर्णा शर्मा, शुमा राहा, मालिनी भुपता, कनिका गहलोत, कादम्बरी एम. वाडे, मजली डी पुई काम्प तथा रूथ डेविड शामिल हैं. अमेरिका में एक साल से भी ज़्यादा समय पहले हॉलीवुड फिल्म निर्माता हार्वे वाइनस्टाइन के खिलाफ लगे आरोपों के बाद शुरू हुए #MeToo आंदोलन ने भारत में भी इस साल सितंबर में तहलका मचा दिया, जब बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. उसके बाद से मीडिया, मनोरंजन जगत, राजनीति तथा कला क्षेत्रों के कई जाने-माने व्यक्तियों पर यौन शोषण से लेकर रेप तक के आरोप लगे हैं.