बस्‍सी ने कोर्ट के सामने रखीं आरोपियों की कॉल डिटेल्‍स

नई दिल्ली: सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ पूर्व में रिश्वत कांड की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी अजय कुमार बस्सी ने भी अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि सरकार द्वारा राकेश अस्थाना और सीबीआई निदेशक आलोक कुमार को छुट्टी पर भेजे जाने के साथ ही अजय कुमार बस्सी का तबादला भी पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया था। अब बस्सी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने इस तबादले को रुकवाने या संशोधित कराने की मांग के साथ ही आरोपियों की कॉल डिटेल्स का जिक्र कोर्ट में किया है, जिसमें आरोपी बात करते हुए आपस में कह रहे हैं कि ‘अस्थाना तो अपना आदमी है।’ बस्सी ने अपनी याचिका में राकेश अस्थाना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

एडवोकेट सुनील फर्नांडेस ने मंगलवार को सीबीआई के डिप्टी एसपी अजय कुमार बस्सी की याचिका सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने रखी। इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल थे। अपनी याचिका में अजय कुमार बस्सी ने राकेश अस्थाना के खिलाफ सोमेश प्रसाद और मनोज प्रसाद के साथ मिलकर साजिश रचने और भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बस्सी ने आरोप लगाया कि प्रसाद भाइयों द्वारा राकेश अस्थाना के नाम पर दो अलग-अलग समय में, दिसंबर, 2017 और अक्टूबर, 2018 में रिश्वत मांगी और ली गई। इसमें पहली बार 2.95 करोड़ रुपए लिए गए, वहीं दूसरी बार तीन किस्तों में कुल 36 लाख रुपए लिए गए।

बस्सी ने कोर्ट में खुलासा करते हुए एक अन्य शीर्ष नौकरशाह के नाम का भी इस मामले में उल्लेख किया। ये अधिकारी हैं ‘रॉ के स्पेशल सचिव सामंत गोयल।’ बस्सी ने बताया कि जब वह राकेश अस्थाना के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रहे थे, तब टेक्निकल सर्विलांस की जांच में पता चला कि जब 16 अक्टूबर की रात में मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया गया तो सोमेश प्रसाद ने तुरंत सामंत गोयल को फोन किया था। जिसके बाद सामंत गोयल ने राकेश अस्थाना को फोन मिलाया था। बस्सी ने अपनी याचिका के साथ इन फोन कॉल्स के कुछ अंश भी पेश किए।

सोमेश अपने ससुर सुनील मित्तल से बात करते हुए – “अस्थाना तो अपना आदमी है। मनोज, अस्थाना से 3-4 बार मिला है। केस दर्ज होने के बाद सामंत भाई भी अस्थाना से मिले थे। सामंत भाई, अस्थाना के काफी करीबी हैं।”

अजय कुमार बस्सी ने कोर्ट को ये भी बताया कि उनके द्वारा जांच के दौरान इकट्ठा किए गए सभी सबूत सीबीआई के पास हैं और उन्हें अंदेशा है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ या फिर उन्हें नष्ट भी किया जा सकता है। बस्सी के अनुसार, अस्थाना के खिलाफ हुई एफआईआर की जांच करने के कारण उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। बस्सी ने कोर्ट में ये भी मांग की कि कोर्ट एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन करे, जो कि माननीय कोर्ट की निगरानी में अस्थाना के खिलाफ हुई एफआईआर मामले की निष्पक्षता से जांच करे।