डालटेनगंज में हुआ वनाधिकार सम्मेलन, सीएम को भेजेगें पत्र, हाईकोर्ट में दर्ज करेंगे पीआईएल

डालटेनगंज : आरएसएस के राजनीतिक संगठन भाजपा की सरकार ने झारखण्ड़ में आदिवासियों और वनाश्रितों के साथ धोखा किया है। जिस झारखण्ड़ में 90 लाख आदिवासी हो और लाखों वनाश्रित हो वहां महज एक लाख तीस हजार दावे ही जमा कराए गए जिसमें से भी आधे दावे खारिज कर दिए गए। अब बड़े पैमाने पर आदिवासियों व वनाश्रितों की बेदखली की जारी है, उन पर फर्जी मुकदमें कायम किए जा रहे है और उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। इसके खिलाफ एक बड़े जमीन अधिकार आंदोलन की जरूरत है और उ0 प्र0 की तरह ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आदिवासियों व वनाश्रितों के अधिकार दिलाए जायेगें। यह बातें आज डालटेनगंज में गढ़वा, पलामू और लातेहार के कार्यकर्ताओं से खचाखच भरें हाल में झारखण्ड़ मजदूर किसान यूनियन द्वारा आयोजित वनाधिकार सम्मेलन में जन मंच के संयोजक पूर्व आई0 जी0 एस आर दारापुरी ने कहीं।

इस मौके पर मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कहा कि आदिवासियों की अस्मिता और अस्तित्व के नाम पर गठित झारखण्ड़ में आज आदिवासियों का आखेट किया जा रहा है। देश की संसद से बने वनाधिकार कानून को कारपोरेट घरानों के इशारे पर विफल कर दिया गया है। एक तो दावें कम भरे गए और जो दावे भरे भी गए उसमें भी विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इसे विफल करने में वह राजनीतिक ताकतें भी रही है जिनके जिम्में आदिवासियों के अधिकार को संरक्षित करने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने भी अपनी सरकारों में वनाधिकार कानून के अनुपालन के लिए कार्य नहीं किया। इसलिए आज झारखण्ड़ में वैकल्पिक नीतियों पर आधारित लोकतांत्रिक राजनीतिक ताकत का निर्माण वक्त की जरूरत है। जिसे यह जमीन अधिकार आंदोलन पूरा करेगा।

प्रख्यात गांधीवादी दीपक ढोलकिया ने कहा कि आदिवासियों को अपनी राजनीतिक ताकत का निर्माण करना होगा और अपने कानूनी अधिकारों के लिए हर स्तर पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन करना होगा।

सम्मेलन की अध्यक्षता आदिवासी नेता बनारसी सिंह खरवार ने किया और संचालन झारखण्ड़ मजदूर किसान यूनियन के अध्यक्ष हेमंत दास ने किया। सम्मेलन को अधिवक्ता विक्रम त्रिपाठी, राजेश सचान, वकील सिंह, विकास दूबे, गीता, प्रियंका कश्यप, जनेश्वर मिस्त्री, प्रशांत समेत कई अधिवक्ताओं व आदिवासी नेताओं ने सम्बोधित किया। सम्मेलन में उपस्थित आदिवासियों ने गांव में वन विभाग द्वारा जारी उत्पीड़न के बारें में रखा। सम्मेलन में यह निर्णय हुआ कि इस पर विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेजी जायेगी और सीएम के नाम सम्बोधित ज्ञापन पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा। वनाधिकार कानून के अनुपालन के लिए रांची हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की जायेगी।