कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने और बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुये शनिवार को दो असाधारण गजट नोटिस जारी किए। इसके बाद महिंदा राजपक्षे ने संसद को भंग कर दिया है।

कोलंबो गजट की खबर के अनुसार इनमें से पहला नोटिस विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के पद से हटाने के बारे में है जबकि दूसरा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने से संबंधित है। विक्रमसिंघे को पद से हटाने के ऐलान के घंटों बाद ये नोटिस जारी हुये हैं।

इन घटनाक्रमों से देश में राजनीतिक संकट व्याप्त हो गया है। विक्रमसिंघे ने, हालांकि इस बात पर जोर दिया है कि राजपक्षे को उनकी जगह शपथ दिलाना अवैध और असंवैधानिक है और वह देश की संसद में अपना बहुमत साबित कर देंगे।

यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को पद से हटाये जाने के बावजूद बतौर प्रधानमंत्री अपना कामकाज निपटाया। उन्होंने दावा किया कि मैं प्रधानमंत्री हूं और महिंदा राजपक्षे की नियुक्ति असंवैधानिक है।

संसद के अध्यक्ष करु जयसूर्या ने कहा है कि वह शनिवार को वैधानिक सलाह लेने के बाद इस बात का निर्णय करेंगे कि राजपक्षे को मान्यता दी जाए अथवा नहीं।

सिरिसेना ने अपने पत्र में कहा कि मैंने आपको संविधान के 42 (1) (अनुच्छेद) के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और आपको नियुक्त करने के प्राधिकार से, आपको नोटिस देता हूं कि आपको प्रधानमंत्री के पद से मुक्त किया जाता है।

गौरतलब है कि सिरीसेना ने शुक्रवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करके उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था।