नई दिल्ली: पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के ट्वीट पर विवादित प्रतिक्रिया देने के बाद रक्षा मंत्रालय की प्रवक्‍ता स्‍वर्णश्री राव राजशेखर को छुट्टी पर भेज दिया गया है. उनकी जगह कर्नल अमन आनंद को जिम्‍मेदारी दी गई है. एडमिरल प्रकाश ने सेना की पश्चिमी कमांड की एक वित्‍तीय सलाहकार की कार पर लगे सेना के झंडे की तस्‍वीर को लेकर ट्वीट किया था. उन्‍होंने कहा कि यह सेना के प्रतीक का दुरुपयोग है.

इस पर राजशेखर ने जवाब में सैन्‍य अधिकारियों के विशेषाधिकारों के दुरुपयोग की बात कही. बाद में यह ट्वीट डिलीट भी कर दिया गया. इस पर सेना के कई अफसरों ने आपत्ति जताई. सफाई में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अनजाने में यह ट्वीट हो गया और इस पर गहरा खेद है.

अरुण प्रकाश ने एक कार पर सेना के झंडे वाली फोटो पोस्‍ट की थी. इसके साथ उन्‍होंने लिखा था, 'यदि सेना कमांड के प्रतीक के इस्‍तेमाल पर आम नागरिक को सजा नहीं होती है तो भी उस व्‍यक्ति को GOC द्वारा फटकारा जाना चाहिए.' प्रकाश जुलाई 2004 से अक्‍टूबर 2006 के दौरान नौसेना के प्रमुख थे.

इसके जवाब में राजशेखर ने कमेंट किया, 'एक अधिकारी के कार्यकाल के दौरान आपके घर पर जवानों के दुरुपयोग के बारे में क्‍या सर? फौजी गाडि़यों से बच्‍चों को स्‍कूल भेजने और लाने के बारे में क्‍या कहेंगे? सरकारी गाड़ी के जरिए मैडम की शॉपिंग की बात भूल तो नहीं गए. और अनवरत चलने वाली पार्टियां… उनका पैसा कौन देता है?' हालांकि बाद में यह ट्वीट हटा दिया गया.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता के ट्वीट पर सेवानिवृत सैन्‍य अधिकारियों ने कड़ा ऐतराज जताया. कुछ ने कहा कि प्रवक्‍ता का कमेंट सुरक्षा बलों के प्रति नौकरशाही के रूख को दिखाता है.

सेवानिवृत्त मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि प्रवक्ता की टिप्पणी ने सेना के तीनों अंगों के प्रति मंत्रालय का असली रंग दिखाया है. उन्होंने कहा, ‘क्या यह अचानक हुआ. यह आपके रक्षा मंत्रालय का असली रंग दिखाता है मैडम. आप सेना की हिफाजत के लिए हैं ना कि उसे बदनाम करने के लिए. इस प्रवक्ता को बनाए रखना भारत का, उसके सशस्त्र बल का और उसकी कुर्बानियों का अपमान है. यह दिग्गज सैन्य अधिकारियों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाता है. आपकी प्रवक्ता एक मुसीबत हैं.’