पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री ने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को आज यहां रिजर्व पुलिस लाइन मंे पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिवारों के साथ है और उनके हित में सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही राज्य सरकार द्वारा अपराधमुक्त एवं भ्रष्टाचारमुक्त प्रदेश बनाने के लिए गम्भीरता से कार्य शुरू किया गया और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल की कमी को दूर करने तथा कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए भर्तियों में तेजी लाने का कार्य कर रही है। वर्ष 2018 में घोषित परिणाम के अनुसार 29,303 पुलिस आरक्षी प्रशिक्षणरत हैं, जिनमें 5341 महिला आरक्षी, 20134 पुरुष आरक्षी तथा 3828 पीएसी के जवान भी हैं। इसके अतिरिक्त 42,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रचलित है। इनमें और तेजी लाने के लिए अगले चरण में 51,216 पुलिस कर्मियों की भर्ती का भी कार्यक्रम पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 के अन्त तक आरक्षी स्तर पर लगभग 1.25 लाख आरक्षियों की भर्ती पूर्ण होने से पुलिस बल में आरक्षियों की कमी लगभग समाप्त हो जाएगी। इसका सीधा लाभ आम जनता को होगा क्योंकि तब लोगों को बेहतर पुलिसिंग दी जा सकेगी। साथ ही, पुलिसकर्मियों के अवकाश प्राप्त करने की वर्तमान समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा। सेवा अवधि के दौरान भी समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था को सुचारु बनाया जा सकेगा। पुलिसकर्मी भी अपने परिवार की बेहतर देखभाल के लिए समय निकाल सकेंगे, जिससे वे तनाव रहित होकर कार्य कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने एवं उनकी कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा समयबद्ध प्रोन्नतियों पर विशेष बल दिया गया है। इसी कड़ी में वर्ष 2017 में 9,892 पुलिस कर्मियों को तथा वर्ष 2018 में कुल 37,575 पुलिस कर्मियों को प्रोन्नतियां प्रदान की गयी हैं, जो एक रिकाॅर्ड है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में मात्र 5,793 आरक्षियों को प्रशिक्षित किये जाने के लिए संस्थागत ढांचा उपलब्ध है। इस क्षमता को दोगुना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था कर क्षमता वृद्धि हेतु अवस्थापना सुविधाओं का सृजन कराया जायेगा। प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों तथा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के पास उपलब्ध प्रशिक्षण क्षमता का भी सहयोग लिया जा रहा है। जालौन तथा सुल्तानपुर के प्रशिक्षण केन्द्र बनकर तैयार हैं, इन्हें शीघ्र चालू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जनपदों के थानों में बैरकों की कमी के कारण कई पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार पुलिस लाइन तथा थानों में समस्त सुविधाओं से सुसज्जित बैरकों के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था करेगी। वर्तमान में 07 जनपदों यथा चन्दौली, अमरोहा, औरैया, अमेठी, शामली, सम्भल तथा हापुड़ में पुलिस लाइन उपलब्ध नहीं है। इन जनपदों में भी पुलिस लाइन के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। इनमें भूमि चयन की कार्यवाही विभिन्न स्तरों पर है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस बल से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर समय-समय पर राज्य सरकार को अपनी संस्तुतियां उपलब्ध कराने के लिए पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 03 सदस्यीय आयोग का गठन किया जायेगा। साइकिल भत्ते तथा वर्दी भत्ते के सम्बन्ध में वित्त आयोग की संस्तुतियां प्राप्त हो गई हैं। इन दरों में भी वृद्धि किये जाने पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पुलिस कर्मियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धित कालबाधित बिलों के लिए चिकित्सा परिचर्या नियमावली में अनुमति का अधिकार शासन स्तर पर है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक लाख रुपये तक के काल बाधित बिलों पर अनुमति प्रदान किये जाने के अधिकार सम्बन्धित विभागाध्यक्षों को प्रदान किये जाने के लिए चिकित्सा विभाग को 30 नवम्बर, 2018 तक चिकित्सा परिचर्या नियमावली में आवश्यक संशोधन कराने के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मी जो पुलिस मुठभेड़, आतंकी घटनाओं, शान्ति व्यवस्था की स्थिति से निपटने तथा राहत कार्यों को प्रदान करने के दौरान आदि अन्य समकक्ष परिस्थितियों के दौरान घायल होकर कोमा में चले जाते हैं तथा जिनके समस्त अवकाश पूर्ण होने के उपरान्त उनके वेतन बन्द होने के कारण परिवार के समक्ष भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो जाता है, उन्हें असाधारण पेंशन दिये जाने के लिए आसाधारण पेंशन नियमावली में वांछित संशोधन 30 नवम्बर, 2018 तक किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान अदम्य साहस एवं विशिष्ट वीरता का परिचय देते हुए मृत्यु होने पर वर्तमान सरकार द्वारा उनके परिवार को मिलने वाली धनराशि को 20 लाख रुपये से बढ़ा कर 40 लाख रुपये पूर्व में किया जा चुका है। इसके अलावा, शहीद के माता-पिता को पूर्व में दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार न केवल प्रदेश के पुलिस कर्मियों को बल्कि केन्द्रीय अर्द्धसैन्य बलों व दूसरे प्रदेशों के अन्य अर्द्धसैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुए प्रदेश के बाहर शहीद होने वाले कर्मियों, जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं, ऐसे शहीदों के परिवार को भी 25 लाख रुपये की दर से सहायता अनुमन्य करा रही है। इन्हीं बलों के ऐसे कर्मी जो उत्तर प्रदेश के बाहर के निवासी हैं तथा जिनकी कर्तव्य पालन के दौरान इन्हीं परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश के अन्दर मृत्यु हो जाती है, उनके परिवार को भी 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वर्तमान सरकार द्वारा अब तक 27 शहीदों के परिवारों को कुल 07 करोड़ 60 लाख रुपये की धनराशि 24 से 48 घंटे के भीतर वितरित की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विभिन्न कारणों से मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को पुलिस बल में भर्ती प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब तक 1,326 मृतक आश्रितों को आरक्षी एवं समकक्ष तथा उपनिरीक्षक एवं समकक्ष पदों पर भर्ती प्रदान की गयी है। यह निर्देश भी दिये गये हैं कि मृतक आश्रितों के अन्य प्रकरणों पर भी समयबद्ध ढंग से निर्णय लेते हुए भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाये।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि पुलिस बल के ऐसे कर्मी जो पुलिस मुठभेड़, आतंकवादी घटनाओं अथवा अन्य शान्ति व्यवस्था की परिस्थितियों में अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं, उनके सम्मान में उनके पैतृक गांव के सम्पर्क मार्ग का नामकरण उनके नाम से किया जायेगा। शहीद आरक्षी श्री अंकित तोमर के नाम से उनके पैतृक गांव वाजिदपुर जनपद बागपत तथा शहीद उप निरीक्षक श्री जय प्रकाश सिंह के पैतृक गांव बनेवरा, जनपद जौनपुर के सम्पर्क मार्ग का नामकरण का प्रस्ताव शासन में प्राप्त हो गया है। इसके लिए शीघ्र ही शासनादेश जारी किया जायेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में कर्तव्य पालन के समय प्रदेश के अन्दर अथवा बाहर आतंकवादियों व अराजकतत्वों की गतिविधियों में हुई हिंसा व मुठभेड़ के फलस्वरूप पुलिस कर्मियों के दिव्यांग हो जाने पर अनुग्रह धनराशि दिये जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। भारत सरकार की भांति उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मियों को भी अनुग्रह धनराशि अनुमन्य करायी जायेगी। इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर आवश्यक शासनादेश दिनांक 30 नवम्बर, 2018 तक निर्गत किया जायेगा। वर्तमान सरकार ने पुलिस कार्मिकों के मनोबल, कार्य-कुशलता एवं व्यवसायिक दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से कई कदम उठाए हैं। जिनमें पुलिस विभाग के अराजपत्रित स्तर के विभिन्न पदों पर कर्मियों की पदोन्नति भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों हेतु वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा ‘राज्य आपदा मोचन बल’ (एस0डी0आर0एफ0) के गठन का निर्णय लेते हुए इसके लिए विभिन्न स्तर के पदों का सृजन भी किया गया है। इसके साथ ही, ‘यू0पी0 100’ परियोजना को और अधिक सुदृढ़ कर सफलतापूर्वक संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने महत्वपूर्ण मेलों तथा त्यौहारों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर अभी तक सभी त्यौहार सकुशल सम्पन्न कराए हैं। राज्य सरकार महिलाओं एवं छात्राओं की सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से सतर्क एवं प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के लिए ‘एण्टी रोमियो स्क्वाॅयड’ का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि प्रदेश की आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करते हुए पुलिस की मित्र छवि बनाए जाने एवं अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने के उद्देश्य से प्रतिदिन चेकिंग आदि की कार्यवाही के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को फुट पेट्रोलिंग भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। तकनीक के विस्तार से साइबर अपराध भी बढ़े हैं। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम हेतु साइबर थानों की स्थापना की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज व राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर कानून-व्यवस्था सम्बन्धी गम्भीर समस्याएं पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है, इससे निपटने के लिए सोशल मीडिया पर निरन्तर निगरानी करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। एस0टी0एफ0 और ए0टी0एस0 ने भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपना सराहनीय योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों द्वारा विभिन्न चुनौतीपूर्ण कार्यों को सकुशल सम्पन्न करते हुए, विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट महानुभावों के प्रदेश में भ्रमण के दौरान अचूक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गयी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश पुलिस पूरी ईमानदारी, कर्तव्य परायणता तथा जनसेवा की भावना से कार्य करेगी, जिससे जनता के मन में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ होगी।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पहुंचने के उपरान्त परेड की सलामी ली तथा शहीद पुस्तिका को मंच पर प्रस्थापित किया। उन्होंने शहीद स्मारक पर शहीदों की स्मृति में पुष्पचक्र भी अर्पित किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 01 सितम्बर, 2017 से 31 अगस्त, 2018 की अवधि में 67 पुलिस कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान शहादत दी। उन्होंने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।