लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन कर चुके तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस दास ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नेता संतों के प्राण के भूखे हैं. जब संत के प्राण चले जाते हैं तो यह नेता श्रद्धांजलि देने आते हैं. जब तक अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे रामचंद्र परमहंस दास जीवित थे तब तक कोई नेता या प्रधानमंत्री उनसे अयोध्या में मिलने नहीं आया. उनके निधन के बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई अयोध्या आए थे और जब मेरी हत्या हो जाएगी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी मुझे श्रद्धांजलि देने आएंगे.

स्वामी परमहंस दास ने कहा कि उन्हें मरने का डर नहीं है. भगवान राम के लिए वो सूली पर भी चढ़ने को तैयार हैं. मेरी जान भले ही चले जाए शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं लेकिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए. दरअसल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन कर चुके तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस दास ने कट्टरपंथियों से अपनी हत्या की आशंका जताई थी

स्वामी परमहंस दास ने कहा ​है कि देश का 98 प्रतिशत मुसलमान मंदिर के पक्ष में है और 2 प्रतिशत मुसलमान कट्टरपंथी है, जो नहीं चाहता कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी मुसलमानों को विदेश से फंडिंग होती है, जिसके लिए कहीं ना कहीं ये आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है.