लखनऊ: लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित बेतवा अपार्टमेंट में पति से झगड़े के बाद सुमिति चौहान (36) ने 11वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। वह पति व दो बेटों के साथ फ्लैट में रहती थी। झगड़े के दौरान वह आत्महत्या की धमकी देते हुए बाहर निकली और रेलिंग से छलांग लगा दी। उसका पति भागकर नीचे पहुंचा, तब तक सुमिति की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्रा ने बताया कि मूलत: कानपुर निवासी आलोक चौहान की वर्ष 2005 में सुमिति से शादी हुई थी। दंपति के दो बेटे पृथ्वीराज (12) और यशवर्द्धन (4) हैं। आलोक अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गोमतीनगर विस्तार के बेतवा अपार्टमेंट के ई-ब्लॉक के फ्लैट नंबर-1103 में किराये पर रहता है। आलोक यूएसबी फार्मा कंपनी में एमआर है जबकि सुमिति गृहणी थी। पुलिस के मुताबिक सोमवार शाम करीब 6:30 बजे आलोक घर आया। इस दौरान किसी बात पर उसका पत्नी से झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि सुमिति आत्महत्या की धमकी देते हुए फ्लैट से बाहर निकल आई। आलोक भी उसके पीछे दौड़ा लेकिन तब तक सुमिति ने रेलिंग से नीचे छलांग लगा दी।

सुमिति की चीख सुनकर आलोक ने रेलिंग से झांक कर देखा तो वह नीचे पड़ी थी। यह देख उसके होश उड़ गए। वह सीढ़ी के रास्ते भागते हुए पहली मंजिल तक आया और फिर पहली मंजिल की रेलिंग से कूदकर पत्नी के पास पहुंचा। आलोक ने खून से लथपथ सुमिति को गोद में उठाने की कोशिश की लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इस बीच शोर शराबा सुनकर सोसाइटी के लोग भी इक्ट्ठा हो गए। लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन करके घटना की सूचना दी।

इंस्पेक्टर गोमतीनगर त्रिलोकी सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और पड़ताल शुरू की। पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त दोनों बच्चे घर पर ही थे। पुलिस ने पृथ्वीराज और यशवर्द्धन से घटना के बारे में पूछा। इस पर बच्चों ने बताया कि मम्मी-पापा के बीच झगड़ा हो रहा था। दोनों एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे। इस बीच मम्मी गुस्से में आकर फ्लैट से बाहर चली गई। उनके पीछे-पीछे पापा भी बाहर निकले लेकिन मम्मी को बचा नहीं सके और वह नीचे कूद गईं।

पड़ोसियों ने बताया कि सुमिति का बड़ा बेटा पृथ्वीराज सीएमएस की गोमतीनगर विस्तार शाखा में पढ़ता है। जबकि चार वर्षीय यशवर्द्धन सिटी इंटरनेशनल स्कूल का छात्र है। पड़ोसियों से घटना का पता चलने पर बच्चे नीचे गए तो मां का शव देख बिलख कर रोने लगा। पड़ोसी महिलाओं ने किसी तरह बच्चों को संभाला।