तौसीफ कुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ। मिशन 2019 लोकसभा आमचुनाव में जाने से पूर्व मोदी की भाजपा को एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मोदी की भाजपा के लिए सबसे ज़्यादा 2014 में किए गए वादे जिन्हें पूरा नही किया गया वह तो है साथ ही कार्यकाल पूरा होने को है परन्तु ऐसा कुछ नही है जिसे जनता को जाकर बता सके नोटबंदी, जीएसटी बढ़ती महँगाई पेट्रोल डीज़ल व घरेलू गैस की बढ़ती क़ीमतें सरकार की जान को बन आई है, वही राफ़ेल का मुद्दा भी सरकार के लिए न उगलते बन रहा न निगलते बन रहा है कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी की यह बात लोगों के दिमाग़ में घर कर रही है कि सरकार देश के कुछ चुनिन्दा लोगों के लिए ही काम कर रही है फ़्रांसीसी सरकार के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के द्वारा यह कहने के बाद कि हाँ मोदी सरकार ने हमसे यह बात कही कि राफ़ेल बनाने का ठेका मेरे मित्र उद्योगपति अनिल अंबानी को मिलना चाहिए हालाँकि सरकार अभी भी झूट का सहारा लेकर यह मानने को तैयार नही है और न ही जेपीसी बनाने को तैयार है तो क्या समझा जाए ज़रूर कुछ दाल में काला है या पूरा ही काला है और अगर ऐसा नही है तो सरकार जाँच से क्यों भाग रही है? मोदी की भाजपा को अगर देश में मुद्दों से भटकाने का हुनर न आता तो शायद आज देश में कुछ और ही सरकार के ख़िलाफ़ माहोल होता लेकिन जब भी सरकार को लगता है कि अब हम घिर गए तो मोदी सरकार गोदी मीडिया के हवाले से धार्मिक मुद्दों को उठाने का काम शुरू कर देती है और सरकार को आंसिक राहत मिल जाती है फिर शुरू हो जाता है झूट की बुनियाद पर तामीर करने का सिलसिला लेकिन इन सबके बाद एक दिन सच का सामना करना पड़ेगा और उसका सामना करने की मोदी की भाजपा में हिम्मत नही है उससे भी बचने का फ़ार्मूला निकाल लिया है यूपी की 80 सीटों में से 73 सीट जीतने वाली मोदी की भाजपा अपनी कमियों की ज़िम्मेदारी उन जीते हुए सांसदों पर डालने जा रही है कि इन्होंने जनता के लिए कुछ ख़ास नही किया है इस लिए जनता में इनके ख़िलाफ़ ग़ुस्सा है यूपी ज़्यादातर सांसदों के टिकट मोदी की भाजपा काटने की तैयारी कर रही रही है।हमारे भरोसे के सूत्रों के अनुसार कानपुर से वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी का टिकट इस बात की दलील दी जा रही है कि उनकी उम्र ज़्यादा हो गई है वैसे सियासी गलियारों में चर्चा है कि मोदी भाजपा को अपने विरोधियों को पार्टी से निकाल बाहर करने की नीति है बस उसी को अमली जामा पहना रहे है। टिकट कटने वालों की सूची में बाराबंकी की (सु) सीट से प्रियंका रावत इलाहाबाद से श्याम चरण गुप्ता जो आज कल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव के सम्पर्क में बताए जा रहे है, झाँसी से सांसद उमा भारती , देवरिया से सांसद कलराज मिश्रा, उन्नाव से साक्षी महाराज , सुल्तानपुर से वरूण गांधी जो कांग्रेस में जाने का पहले ही मन बना चुके है , सहारनपुर से सांसद राघव लखन पाल शर्मा का पत्ता कटने वालों में शामिल है धौरहरा से सांसद रेखा वर्मा जौनपुर से के पी सिंह व बहराइच की सांसद ज्योति बाबा फूले को भी मोदी की भाजपा टिकट नही देने जा रही है ऐसी ख़बरें यूपी के भाजपा व राष्ट्रीय कार्यालय में चर्चाएँ आम है कोई खिड़की के पीछे से तो कोई किसी तरह यह कहता सुना जा सकता है कि ये वह सांसद है जिन्हें टिकट नही मिलेगा वैसे यहाँ यह कहना उचित होगा जो सांसद मोदी की भाजपा की टिकट की सूची में नही है असल में वह पहले ही अपने नए घर की तलाश कर चुके है और उन्हें पूरा यह यक़ीन है कि हमारा टिकट पक्का है मोदी की भाजपा से तो इस बार हम जीत ही नही रहे थे इस लिए हम पर कोई फ़र्क़ नही पड़ता है यह हाल है मोदी की भाजपा का।अब देखना है कि यूपी की सियासत में क्या कुछ नया होने जा रहा है हर तरफ़ दम घुटने की आवाज़ें आएगी कि हमारा दम घुट रहा था इस लिए हमने मोदी की भाजपा का दामन छोड़ दिया है।मोदी की भाजपा को यह पहले ही आभास हो चला है कि हम वापिस नही आ रहे अगर इसी हालत में चुनाव में गए तो मोदी के मेजिक की हवा निकल जाएगी जिसको यह कह कर सांसदों को आरोपित किया जा रहा है कि इन्होंने कुछ नही किया इस लिए जनता में सांसदों के प्रति ग़ुस्सा है जबकि मोदी सरकार यह बताने को तैयार नही है कि हम जिन वादों के सहारे सत्ता में आए उनमें से किसी एक पर भी खरे नही उतरे क्या हमने काला धन वापिस लाने की बात कही थी उस दिशा में हमने क्या क़दम उठाए हमारे पास बताने को कुछ नही है 15-15 लाख रूपये देने की तो बात न करे जब हम कालाधन ही वापिस नही लाए तो ये कहाँ से दिए जाते महँगा तेल गैस दालें आम आदमी की जान लेने को तैयार है 370 पर राम मंदिर पर सीमा पर जवान शहीद हो रहे हम कुछ नही कर सके हा अगर सरकार ने कुछ किया किसी के लिए तो वह देश कुछ चुनिन्दा लोग है अडानी अंबानी जैसे अब बात हम आम आदमी की कर रहे जिनके लिए मोदी की सरकार ने कुछ नही किया और सरकार कहती है कि यह हमारे हाथ में नही है यही बातें पूर्व सरकार भी कहती थी तो उसमें और हमारे में कोई फ़र्क़ नही रहा तो ग़लती सरकार की हुई या सांसदों की असल में मोदी ने भाजपा को दो लोगी की कंपनी बना डाली जिसमें किसी का कुछ नही उठता वह जो करे बस वही फ़ाइनल होता है यही सबसे बड़ा कारण है मोदी सरकार के पतन की और जाने का ओर इल्ज़ाम सांसदों पर लगाकर अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।